गुरुवार, 30 अक्तूबर 2014

नीलोफर इफेक्ट बाड़मेर में बूंदा-बांदी शुरू नेषनल डिजास्टर मेनेजमेन्ट का 30 सदस्यीय दल बाड़मेर पहुंच चुका


राजस्थान गुजरात के क्षेत्रों में आज देर रात तक पहुंचने वाले नीलोफर तूफान से ठंडे मुल्कों से उड़कर थार रेगिस्तान में आने वाले कई प्रत्याषी पक्षियों पर भी खतरा मंडराने लगा हैं उधर इस तूफान के कारण होने वाली भारी वर्षा के कारण वन्य जीव प्राणियों की सुरक्षा के भी कई इंतजाम किये है, जबकि बाड़मेर में बूंदा-बांदी शुरू हो गई हैं, तथा नेषनल डिजास्टर मेनेजमेन्ट का 30 सदस्यीय दल बाड़मेर पहुंच चुका हैं।

सेव वल्चर कम्युनिटी के डाॅ. दाउ लाल बोहरा ने बताया कुछ प्रवासी पक्षी महत्वपूर्ण प्रवासी पक्षियों की प्रजातियों में से कुछ orientalis, Houbara या Macqueen के बस्टर्ड Chlamydotis macqueeni, कान्य क्रेन सारस बाज ईगल, Gyps गिद्धों, larks, pipits, इंपीरियल या काले पेट वाले Sandgrouse Pterocles हैं प्रवासी पक्षियों की प्रजातियों प्रभाव Strom निलोफर आदि आते हैं इस साईक्लोन से संभवतः इन पर प्रभाव पड़ सकता है।

वाईल्ड लाईफ के सी.सी.एफ गोविन्द सागर भारद्वाज ने बताया कि नीलोफर साईक्लोन से होने वाले भारी वर्षा की संभावना को देखते हुवे एतिहात के तौर पर सभी वाईल्ड लाईफ की चैकियों, डेजर्ट नेषनल पार्क आदि इलाकों में वन्य जीव प्राणियों की सुरक्षा के प्रबंध सुनिष्चित करने के दिषा निर्देष दिये हैं, खासकर चिंकारा हिरणों के बारिष की वजह से कीचड़ आदि में फंसने की संभावना के मुद्वेनजर ऐसी घटनाएं न हो इस संबंध में निर्देष दिये है।

उन्होंने बताया कि इन ठंडे मुल्क से बड़ी संख्या में प्रत्याषी पक्षी थार डेजर्ट में आते हैं लेकिन इस साईक्लोन का उन पर कोई प्रभाव पड़ेगा या नहीं ये कहना मुष्किल है। उधर मौसम विभाग जयपुर के प्रभारी बी.एन.विष्नोई ने बताया कि नीलोफर चक्रवात के फलस्वरूप गुरूवार देर रात जैसलमेर जोधपुर बाड़मेर जालौर पाली आदि जिलों में बादल छा जायेंगे, तथा शुक्रवार से इन क्षेत्रों में हल्की मध्य वर्षा होने की संभावना है।

उन्होंने बताया कि चक्रवात गुरूवार दिन में नलिया गुजरात से करीब 620 कि.मी. की दूरी पर तथा कराची से 650 कि.मी. की दूरी स्थित था। इसके तेजी से गुजरात की और बढ़ने की जानकारी मिली है

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