बुधवार, 24 सितंबर 2014

बालोतरा। आस्था या अंधविश्वास ?नाग दम्पति ने की आत्महत्या?

बालोतरा। आस्था या अंधविश्वास ?नाग दम्पति ने की आत्महत्या?


रिपोर्टर :- ओमप्रकाश सोनी /बालोतरा

बालोतरा। आज का युग भले ही वैज्ञानिक युग कहलाता हो ओर इंसान मंगल पर पहुंच गया हो पर आज भी लोगो के जेहन में आस्था पर अंधविश्वास भारी है। इसकी कुछ बानगी बुधवार को बालोतरा में देखने को मिली। दरअसल बुधवार को दितीय रेल्वे क्रांसिग के पास में रेलगाड़ी की चपेट में आने से  सांप की मोत हो गई। जैसे ही लोगो की नजर मृत सांप पर पड़ी वैसे ही उस स्थान पर आस्था ओर अंधविश्वास का सैलाब उमड़ पड़ा। देखते ही देखते उस स्थान पर फूलो,गूलाल ओर अबीर सहित रूपयो का ढेर लग गया। मृत सांप के अंतिम दर्षनो के लिये शहरवासियो का हुजुम उमड़ पड़ा। मुख्य सड़क से गुजरने वाले लोगो ने भी मृत सांप देवता के दर्षन कर खुले दिल से चढावा चढाया। थोडी ही देर में लोगो ने पुर्ण रीती रिवाज के साथ मृत सांप की चिता बनकार अंतिम संस्कार किया। आष्चर्यजनक पहलु यह है कि इस पूरे कार्यक्रम का संचालन शहर के एक मोजिज जनप्रतिनिधी ने किया। नगरपरिषद के पार्षद केवलचंद घांची ने बताया कि हिन्दु धर्म की मान्यता के अनुसार मृत सांप का अंतिम संस्कार किया जाना अनिवार्य ओर धर्म का काम होता है इसलिये रीती रीवाज से सांप का अंतिम संस्कार किया गया है। अब सवाल यह उठता है कि शहर में किसी स्थान पर मिलने वाले लावारिष इंसान का शव मिलने पर उसके अंतिम संस्कार का पुण्य लाभ लेने के लिये क्यो कोई आगे नही आता है। ऐसे में साफ है कि आज भी धर्म ओर आस्था के नाम पर लोगो के जेहन मे अंधविष्वाष कायम है। 



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