शुक्रवार, 19 सितंबर 2014

बेटियों का हुआ सम्मान - बेटी सृष्टि रत्न सम्मान समारोह आयोजित, राजा हसन ने दी प्रस्तुती

बाड़मेर। गुरूवार की रोज स्थानीय महावीर टाउन हाॅल में हजारों आंखें बाड़मेर की उन बेटियों के सम्मान समारोह से रूबरू हुईं, जिन्होंने अपनी प्रतिभा के बल पर न केवल अपने परिवार बल्कि जिले का नाम जहां-भर में रोषन किया है। जिले की 18 बेटियों का सम्मान समारोह में ख्यातनाम गायक राजा हसन ने अपनी रंगारंग प्रस्तुतियां दी, 


वहीं मौजूदा अतिथियों ने इस कार्यक्रम को एक नई शुरूआत बताया। सरस्वती विकास एवं सेवा संस्थान, बाड़मेर की ओर से आयोजित ‘बेटी सृष्टि रत्न’ सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि रावत त्रिभुवन सिंह, विषिष्ट अतिथि वरिष्ठ दर्षन शास्त्री ललिता मेहता व किसान कन्या छात्रावास की व्यवस्थापिका अमृता कौर मौजूद थीं। अध्यक्षता केयर्न इंडिया सीएसआर की प्रबंधक रितु झिंगोन ने की।

कार्यक्रम की शुरूआत टचवुड गु्रप की ओर से गणेष वंदना के साथ हुई। स्वागत गीत जामत खान ने प्रस्तुत किया। जिले की प्रतिभा प्रमिला शर्मा ने तुझसे नाराज नहीं जिंदगी, हैरान हूं मैं ...गीत गाकर माहौल रंगारंग कर दिया। वहीं शीतल तंवर ने बेटियों को समर्पित कविता सुनाकर बेटियों की पीड़ा व्यक्त की। नन्हीं बालिका प्रेरणा ने शानदार नृत्य कर तालियां बटोरी। 

इनका हुआ सामान-संतोष कंवर धांधू, हवा मंगलिया, सोनू राठौड, प्रमिला शर्मा, प्रेरणा, जैनब बानो, स्नेहा राजपुरोहित, यषोदा देवी, जया चैधरी, विमला बिष्नोई, दरिया खत्री, सुष्मिता जैन, चांदनी सुथार, सुशिला
नारायण दहिया, मुमताज खान,  आशा राजपुरोहित, गीता खत्री और शीतल तंवर को बेटी सृष्टि रत्न से  सम्मानित किया गया।



  

इस दौरान पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष रघुवीर सिंह तामलोर, जिला आईईसी समन्वयक विनोद बिष्नोई, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष जगदीष राजपुरोहित, जिला आईईसी कंस्लटेंट अषोक राजपुरोहित, भगवान आकोड़ा, स्वरूपसिंह भाटी, स्वरूपसिंह लंगेरा, सिद्वार्थ परमार, जसवंत सिंह ताणु, प्रवीण बोथरा, कुलदीप अवस्थी, फिरोज खान, डाॅ. अनिल झा, राकेष भाटी, मनोज दवे एवं आईदान का प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। मंच खेमीचंद सोलंकी ने किया।

बेटी और संस्कृति बचाना आज की जरूरत

सम्मान समारोह में गायक राजा हसन ने उद्बोधन में कहा कि जिस जमीं पर बेटियों की देवियों के रूप में पूजा हुआ करती थीं, उसी धरा पर बेटियों के हत्या के मामले दुखद है। आज जरूरत है कि सबको सामूहिक प्रयास कर बेटियों को बचाना होगा। उसी तरह मान्यता के लिए संघर्ष कर रही राजस्थानी और बदहाल हो हरे राजस्थानी सिनेमा को बचाना भी बेहद जरूरी है। इस मौके पर रावत त्रिभुवनसिंह ने कहा कि बाड़मेर की बेटियों की प्रतिभाएं दबकर रह जाती हैं, जबकि उन्हें उचित मार्गदर्षन और प्रेरणा मिले तो वे राजस्थान ही नहीं देष का नाम भी रोषन कर सकती हैं। इस थार में काबलियित में कहीं कोई कमी नहीं है, बस जरूरत है बेटी के कांधे पर प्रोत्साहन के हाथ रखने की। इस मौके पर केयर्न इंडिया के रितु झिंगान ने कहा कि आज हर तरह बदलाव है और हर कोई उसी बदलाव के दौर में खुद को शामिल कर रहा है, ऐसे में हमें भी बेटी के प्रति सोच की जरूरत है। इस अवसर पर काॅलेज व्याख्याता ललिता मेहता ने कहा कि बेटियों को पालने के लिए कभी किसी तरह के अलग कार्य या पैसे की जरूरत नहीं होती, बावजूद उसे बोझ माना जाता है जो कि गलत है।

फिल्म का हुआ प्रमोषन, 26 को होगी रिलीज

राजस्थानी भाषा में पहली मर्तबा सर्वाधिक बजट वाली मरूधर म्हारो घर के जरिए राजस्थानी भाषा और राजस्थानी संस्कृति के सम्मान की बात कही गई है। प्रख्यात गायक राजा हसन ने इस आयोजन में इस फिल्म के जरिए लोगों से मायड़ भाषा के लिए एकजुट होकर कदम बढ़ाने की अपील की। हसन ने टाउन हाॅल में मौजूद लोगों को अपनी प्रस्तुतियों के बाद अपनी भाषा के लिए कदम बढ़ाने की मार्मिक अपील की,

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