सोमवार, 8 सितंबर 2014

बाड़मेर माजीसा के दरबार में 'आस्था का समंदर'


बाड़मेर माजीसा के दरबार में 'आस्था का समंदर'

भाद्रपद त्रयोदशी पर आयोजित मेले में नाचते-गाते पहुंचे पैदल जत्थे, मंदिर के बाहर मुख्य सड़क पर दोनों ओर लगी भक्तों की आधा किलोमीटर लंबी कतारें




| जसोल/बालोतरा
मनमें माजीसा के दर्शन की ललक, भक्तिरंग से सरोबार नाचते-गाते पैदल जत्थों में पहुंचते श्रद्धालु, कतारों घंटों इंतजार के बाद अपनी बारी आने पर माजीसा की प्रतिमा के समक्ष नतमस्तक होकर मां से विनती करते श्रद्धालु, घंटियों की टंकार के साथ जयकारों से गूंजायमान होता माजीसा मंदिर। यह नजारा था रविवार को जसोल स्थित माजीसा के दरबार का। जहां भाद्रपद त्रयोदशी को माता राणी भटियाणी के वार्षिक मेले का आयोजन हुआ।

मेले में मारवाड़ के कोने-कोने अन्य प्रांतों से भी श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में मत्था टेका मन्नतें मांगी। अलसुबह मंगल आरती के साथ ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हुआ, जो रात तक जारी रहा। दोपहर में तो मंदिर परिसर इस प्रकार खचाखच भर गया कि पैर रखने को जगह नहीं मिल रही थी। मंदिर व्यवस्था समिति ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बेी केट्स लगा रखे थे। पेयजल के इंतजाम भी किए गए। जसोल चौकी प्रभारी चैलाराम कटारिया, वीरसिंह ने सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा संभाले रखा। बालोतरा थानाधिकारी सुखाराम विश्नोई ने भी व्यवस्था को अंजाम दिया। मंदिर के बाहर लगी दुकानों पर जमकर खरीदारी हुई। मां के दरबार में राज्य के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश से श्रद्धालु ढोक लगाने पहुंचे।
















नाचते-गाते पहुंचे श्रद्धालु 
मांके दरबार में दूर-दराज क्षेत्रों से बड़ी तादाद में श्रद्धालु जत्थों के रूप में पहुंचे। हाथों में ध्वज पताकाएं थामे नाचते गाते, गाजे-बाजे, माजीसा के जयकारों के साथ भक्ति रंग में सरोबार नजर आए। 



सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध 
मंदिरपरिसर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मंदिर कमेटी की ओर से सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए। स्थानीय पुलिस प्रशासन मंदिर ट्रस्ट कमेटी प्रबंधन की ओर से मंदिर परिसर के भीतर बाहर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों निजी गार्डों की व्यवस्था की गई थी। वहीं मंदिर कमेटी की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधार्थ छाया, बेरी केट्स, पानी, पार्किंग चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था की गई। 
आस्थाकी कतार आधा किमी तक 
माजीसाके मेले में दूर-दराज से पहुंचे श्रद्धालुओं ने दर्शन पूजन के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। 
मेले में भारी भीड़ के चलते मंदिर के अंदर और बाहर राजमार्ग पर दोनों ओर करीब आधा-आधा किलोमीटर लंबी कतारें लगी। धूप तपिश के बावजूद श्रद्धालु घंटों तक कतारों में डटे रहे। 



चढ़ावे के लगे ढेर 
माजीसामाता राणी भटियाणी, सवाईसिंह राठौड़, लालसिंहजी बन्ना बायोसा मंदिरों के दर्शन के लिए मेले में पहुंचे बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने चढ़ावे के ढेर लगा दिए। श्रद्धालुओं ने माजीसा का वागा, फूल-माला, नारियल, मखाणा का चढ़ावा किया। इसे व्यवस्थित करने को लेकर तीर्थ ट्रस्ट पदाधिकारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। 
10रुपए में शुद्ध भोजन 
श्रीमाजीसा जन सेवा समिति जसोल की ओर से लगातार पिछले 7 वर्षों से संचालित की जा रही भोजनशाला आकर्षण का केंद्र बनी रही। जहां पर प्रतिदिन सैकड़ों, हजारों श्रद्धालुओं को सस्ती दर पर खाना मिल रहा है। यहां पर प्रति व्यक्ति 10 रुपए में शुद्ध भोजन दिया जा रहा है। 



पीने के लिए मीठा पानी 
त्रयोदशीमेले में आए श्रद्धालुओं की व्यवस्था के लिए कई स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से मीठे पानी की व्यवस्था की गई। भटीयल बाल निकेतन उच्च प्राथमिक स्कूल जसोल, देवासी युवा संगठन, मां भटियाणी मंदिर ट्रस्ट, माजीसा जन सेवा समिति आदि की आेर से व्यवस्था की गई। 
छेड़ाबंदीसे लगाई जात 
भाद्रपदत्रयोदशी पर आयोजित मेले के दौरान कई नवविवाहित जोड़ों ने छेड़ाबंदी कर सुखी दांपत्य जीवन की कामना के लिए मां के दरबार में जात लगाई। नवविवाहित जोड़ों ने अपने परिजनों के साथ मां के मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की। छेड़ाबंदी से जात देने वालों के लिए सुरक्षाकर्मियों ने भी अलग से व्यवस्था कर रखी थी। 
मेलेमें सजी दुकानें 
मेलेके आयोजन को लेकर मंदिर परिसर, बस स्टैंड आसपास के क्षेत्र में दुकानों सजाई गई हैं। दुकानदारों द्वारा ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए दुकानों को आकर्षक ढंग से सजाया गया। 

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