गुरुवार, 25 सितंबर 2014

नवरात्र स्पैश्ल : क्या करें, क्या न करें ...

नवरात्रि के दिनों में मां आदिशक्ति के समस्त रूपों का पूजन किया जाता है। प्रत्येक दिन मां के एक रूप की पूजा करने का विधान है। इन नौ दिनों में पवित्रता और शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है। पवित्र और उपवास में रहकर इन नौ दिनों में की गई हर तरह की साधनाएं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। अपवित्रता से रोग और शोक उत्पन्न होते हैं। जिस घर में मां आदिशक्ति का स्वरूप विराजित हो वहां नकारात्मक तत्व कमजोर पड़तें हैं। वे नकारात्मकता को सकारात्मकता में परिवर्तित करती है। कठिनाइयों को भी उनके समक्ष खड़े होने में कठिनता अनुभव होती है। नवरात्र स्पैश्ल : क्या करें, क्या न करें ...
नवरात्र में क्या करें :-
* जवारे रखें।

* सुबह और शाम मां के मंदिर जाएं दीपक प्रज्जवलित करें। संभव हो तो वहीं बैठकर मां का पाठ करें अन्यथा अपनी सुविधा अनुसार पाठ जरूर करें।

* मां को जल चढ़ाएं।

* संभव हो तो नंगे पैर रहें अन्यथा चप्पल का प्रयोग कम से कम करें।

* नौ दिन तन और मन से उपवास रखें।

* मां के श्री स्वरूप अथवा चित्रपट के प्रतिदिन वस्त्र बदलें और सुंदर श्रृंगार करें।

* अष्टमी-नवमीं पर विधि विधान से कंजक पूजन करें और उनसे आशीर्वाद जरूर लें।

* घर पर आई किसी भी कन्या को खाली हाथ विदा न करें।

* घर में माता की अखंड ज्योत प्रज्जवलित करने से मां स्वयं उस घर की रक्षा करती हैं।

* ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें। संभव हो तो जमीन पर शयन करें

नवरात्र में क्या न करें :-
* छौंक नहीं लगाना चाहिए।

* जहां तक संभव हो नौ दिन उपवास करें। अगर संभव न हो तो लहसुन-प्याज का सेवन न करें। यह तामसिक भोजन की श्रेणी में आता है।

* कैंची का प्रयोग जहां तक हो सके कम से कम करें। दाढ़ी, नाखून व बाल काटना नौ दिन तक बंद रखें।

* निंदा, चुगली त्याग कर हर समय मां का गुनगाण करते रहें।

* मां के मंदिर में अन्न रहित भोग प्रशाद अर्पित करें।

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