बुधवार, 10 सितंबर 2014

अब किसानों को मिलेगा 20 लाख रूपए तक का लोन

जालोर। किसान सम्बल योजना के तहत अब किसानों को 20 लाख रूपए तक का ऋण उपलब्ध कराया जा सकेगा। ऎसे में किसानों को साहूकारों या लोगों के सामने कर्ज के लिए हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा। दरअसल, सहकारिता विभाग की ओर से किसानों को सम्बल प्रदान करने से उद्देश्य से किसान सम्बल योजना लागू की गई है।

पूर्व में संचालित किसान सम्बल योजना की अधिकतम ऋण सीमा पांच लाख रूपए थी, लेकिन हाल ही में इसे बढ़ाकर बीस लाख रूपए तक कर दिया गया है। इसके लिए किसान को उसकी सिंचित या असिंचित भूमि की डीएलसी दर के आधार पर केन्द्रीय सहकारी बैंकों के माध्यम से पांच वर्ष के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।
Farmers will now Sambl
ये होगा फायदा
दरअसल, असिंचित क्षेत्र के अधिकांश किसानों को बैंक ऋण सुविधा नहीं मिल पाती है। ऎसे में किसानों को फसलों की बुवाई के समय सेठ-साहूकारों से कर्ज लेना पड़ता है और वे किसानों से मनमाना ब्याज वसूल करते हैं। ऎसे में किसान सम्बल योजना के तहत ऋण मिलने से किसानों को फसलों की बुवाई के साथ-साथ अन्य कार्यो के लिए भी आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

बंजर भूमि कर सकेंगे विकसित
असिंचित भूमि पर भी ऋण की सुविधा मिलने से किसान अब भूमि सुधार के कार्य भी करवा सकेंगे। इसके बाद फसलों की बुवाई करने से किसानों की आय में भी इजाफा होगा।

यह होगी ब्याज दर
सहकारी बैंकों की ओर से किसानों को साढे 12 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें किसानों को भूमि की साख सीमा के अनुरूप तीन से 20 लाख रूपए तक का ऋण मिल सकेगा, जो पांच वर्ष में छमाही किस्तों में चुकाना होगा।

यह रहेगी प्रक्रिया
किसान ग्राम सेवा सहकारी समिति के सदस्य होने या बैंक मुख्यालय में सीधे ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदक को जिले में सहकारी बैंक के कार्यालय जाना होगा। जहां सिर्फ एक हजार रूपए देकर नोमिनल सदस्य बनने के साथ ही अन्य कागजी औपचारिकता पूरी करनी होगी। इसके बाद बैंक की ओर से सत्यापन के बाद किसानों को ऋण की सुविधा मिल जाएगी। बैंक की ओर से डीएलसी दर के आधार पर भूमि का मूल्यांकन किया जाएगा। डीएलसी दर के 50 फीसदी तक ऋण दिया जाएगा यदि भूमि पर पूर्व में किसी बैंक से ऋण है, तो उक्त राशि को घटाकर शेष राशि का ऋण स्वीकृत किया जाएगा।

काश्तकारों के लिए फायदेमंद
इस योजना किसान सिंचित या असिंचित भूमि के लिए ऋण ले सकते हैं। ऋण पर ब्याज दर कम होने व भुगतान की अवधि लम्बी होने से किसानों के लिए फायदेमंद हैं।
-मधुसूदन शर्मा, प्रबंध निदेशक, जेसीसीबी, जालोर - 

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