सोमवार, 4 अगस्त 2014

नैरोबी दुनिया भर में चर्चित हुई एक प्रेम कहानी

नैरोबी। यह कहानी किसी आम मुंबइया फिल्म के जैसी लगती तो है लेकिन है नहीं। पर्दे की रूमानी जिंदगी से परे सारिका पटेल और टिमोथी खमाला की जिंदगी का हर पल हकीकत है।

love story that s captivated Kenya

दौलत ही दौलत
एक नायाब से किस्सा है जिस पर सोशल मीडिया में इतनी चर्चा हो रही कि बस पूछिए मत। हर किसी का अपना नजरिया है। बात शुरू होती है मूल रूप से गुजरात के निवासी लेकिन लंबे समय से कीनिया में बस चुके भारतीय मूल के अरबपति व्यापारी छाबडिया पटेले से।

छाबडिया के चार बच्चे हैं और उनमें एक चांद सी बेटी है सारिका। बेशुमार दौलत और हाथों-हाथ ली जाने वाली सारिका भावुक किस्म की लेकिन बेहद समझदार लड़की है जो अब 24 साल की हो चुकी है।

एक दूजे के लिए
कहानी का दूसरा किरदार है 25 साल का टिमोथी खमाला जो, यहां के बेहद गरीब और मिट्टी के घरौंदे में रहने वाले आदिवासी समुदाय कुबुस का युवक है। टिमोथी, सारिका के घर के कारों को साफ करता था।

एक अलासायी सी सुबह में टिमोथी कार पर कपड़ा मार रहा था, एक अनजान लेकिन सुरीली आवाज ने उसे चौंका दिया। ये आवाज सारिका यानी उसकी मालकिन की थी जिसने उसके साथी को दूर जाने को कहा और फिर महीनों से दिल में छुपा रखी अपनी बात टिमोथी को बता दी।

पिक्चकर अभी बाकी है...दिलों का रिश्ता दुनिया से छुप न सका। सारिका अब महलों को छोड़कार मिट्टी के आशियाने को अपना चुकी है। टिमोथी का पहली पत्नी से तलाक हो चुका है और उसकी दुधमुंही बेटी सारिका को अपनी मां मानने लगी है।

सारिका के पिता अब भी बेरोजगार हो चुके टिमोथी को खरीदने के लिए बोली लगा रहे हैं, लेकिन टिमोथी और सारिका कहते हैं...इस जहां की कोई शै हमें जुद नहीं कर सकती। - 


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