बुधवार, 6 अगस्त 2014

संगरिया कस्सी से पत्नी की हत्या, फिर खुद खा लिया जहर

संगरिया। निकटवर्ती गांव रतनपुरा में मंगलवार रात एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी के गले पर कस्सी से वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया। वारदात के बाद उसने भी जहरीला पदार्थ खा लिया। बुधवार सुबह वह खेतों में बदहवास हालत में मिला। परिजन उसे निजी चिकित्सालय में ले गए, जहां उपचार के दौरान उसकी भी मौत हो गई। फिलहाल घटना के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
Kassie murder of the wife, then himself ate poison

थाना प्रभारी विजय मीणा के अनुसार रतनपुरा के वार्ड एक निवासी सोहनलाल उर्फ पोलाराम गोदारा (52) पुत्र लादूराम व उसकी पत्नी कौशल्या (50) आंगन में सो रहे थे। रात में किसी समय सोहनलाल ने अपनी पत्नी पर कस्सी से ताबड़तोड़ वार किए। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस वारदात को अंजाम देने के बाद उसने शव पर कंबल डाला है और वहीं पर बैठकर जहरीली गोलियां खाकर खेतों की तरफ निकल गया।

किसी को नहीं चला पता: वारदात के समय सोहनलाल का पुत्र संजय व पुत्रवधू अनीता चौबारे में सोए हुए थे। कूलर की आवाज में उन्हें घर में क्या हुआ, इसका बिल्कुल पता नहीं चला। सुबह करीब 5.30 बजे अनीता ने पशुओं को हरा-चारा देकर दूध निकाला और चाय बनाकर आंगन में सो रहे सास-ससुर को देने गई। उसने चारपाई से कंबल उठाया तो कौशल्या का लहूलुहान चेहरा देख चीखने लगी। उसका पति संजय व पड़ोस में रहने वाले परिजन वहां पहुंचे। इसके बाद सोहनलाल की तलाश शुरू हुई तो वह खेत में बदहवास हालत में मिला। चिकित्सालय ले जाने पर कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। पुलिस ने दोनों के शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिए। पुलिस ने फिलहाल मर्ग दर्ज कर जांच शुरू की है।

दंपती में नहीं था कोई विवाद: पूर्व सरपंच ओम गोदारा ने बताया कि सोहनलाल मिलनसार व्यक्ति था। उसका किसी के साथ कोई झगड़ा नहीं था। उसकी करीब 25 बीघा कृषि भूमि थी, जिसमें वह स्वयं खेती करता था। उसके पांच अन्य भाई गांव में ही अपने-अपने घरों में रहते हैं। दंपती के बीच में भी किसी प्रकार का विवाद नहीं था। कुछ दिनों पहले ही वे हरिद्वार स्नान करने गए थे और अगले माह कई धार्मिक स्थलों की यात्रा पर जाने वाले थे।

पार्वती उफान पर : चंबल नदी का जलस्तर एक दिन में 3.3 मीटर बढ़ गया। पार्वती नदी में 0.20 मीटर पानी बढ़ने से तीन प्रमुख मार्गो की सपाटों पर पानी चलने से सरमथुरा क्षेत्र के करीब 80 गांव पानी से घिर गए हैं। सैंपऊ के कई गांवों में आधा दर्जन से अधिक मकान ढह गए।

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