सोमवार, 4 अगस्त 2014

पुलिस ने कब्र से निकलवाई लाश, कराया पोस्टमार्टम

अजमेर। शहर के समीपवर्ती सोमलपुर में युवती से छेड़छाड़ व दो गुटों में हुए झगड़े में घायल युवक की मृत्यु के बाद बगैर पोस्टमार्टम शव दफन करने के मामले ने तूल पकड़ लिया। रामगंज थाना पुलिस ने सोमवार को उपखण्ड अधिकारी की मौजूदगी में परिजन व ग्रामीणों की सहमति पर पांच दिन बाद कब्र की खुदाई कराई। मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम के बाद शव पुन: दफना दिया। पुलिस ने मामले में हत्या की धारा जोड़कर अनुसंधान शुरू कर दिया है।
police dig out dead body of man from grave for postmortem

उपखंड अधिकारी डॉ. राष्ट्रदीप यादव व पुलिस उप अधीक्षक (दरगाह) वैभव शर्मा पुलिस बल के साथ सुबह 10 बजे सोमलपुर कब्रिस्तान पहुंचे। इससे पहले मृतक आजाद के परिजन सहित सोमलपुर के वरिष्ठजनों से पुलिस प्रशासन ने समझाइश की। उनकी रजामंदी के बाद कब्र की खुदाई शुरू की।

कब्र खोदने की खबर गांव में फैल गई और मौके पर ग्रामीणों का जमावड़ा लग गया। प्रशासन ने तनाव के हालात देखते हुए पुलिस का भारी लवाजमा तैनात कर रखा था। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से शव को पुन: दफनाया। आदर्शनगर एसएचओ लक्ष्मण राम चौधरी, रामगंज एसएचओ नानूराम सहित अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद थे।

यह है मामला

पुलिस के अनुसार गत 23 मई को सोमलपुर इस्लाम नगर में शादी समारोह में डीजे पर डांस के दौरान युवती से छेड़छाड़ की घटना के बाद दो गुट में झगड़ा हो गया। झगड़े में युवती का रिश्तेदार आजाद पुत्र कुका उर्फ राजू गंभीर घायल हो गया और सिर में गंभीर चोट के चलते "कौमा" में चला गया। उसे 27 मई को जयपुर रेफर कर दिया गया। कुछ समय बाद चिकित्सकों ने जवाब दे दिया तो परिजन ने उसे अजमेर के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। यहां भी चिकित्सकों ने उम्मीद छोड़ दी और तिमारदारी करने की सलाह देकर घर लौटा दिया। आजाद की 29 जुलाई को घर में मृत्यु हो गई।

लापरवाही पर बरतने का आरोप

मृतक के चचेरे भाई व परिवादी आमीन ने मामले में रामगंज थाना पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। आमीन का कहना है कि उसने पांच दिन पहले दोपहर डेढ़ बजे रामगंज थाने के एएसआई शंकरसिंह को मोबाइल पर सूचना दी थी हमले में घायल आजाद की मृत्यु हो चुकी है। शंकर सिंह ने कोई तवज्जो नहीं दी तो परिजन ने शव दफना दिया।

निपट चुके है एसएचओ

प्रकरण में तत्कालीन थाना प्रभारी मुकुन्द सिंह को पुलिस अधीक्षक महेन्द्र सिंह चौधरी ने लाइन हाजिर कर दिया था। हुआ यूं कि युवती से छेड़छाड़ और झगड़े में युवक पर जानलेवा हमला होने के बावजूद एसएचओ मुकुन्द सिंह ने सिर्फ मारपीट का मामला दर्ज किया। इस पर पीडित परिवार ने एसपी से शिकायत की थी। इसके बाद प्रकरण में अनुसंधान अधिकारी भागचन्द ने युवती से छेड़छाड़ और युवक पर जानलेवा हमले की धारा जोड़ी। उधर दूसरे पक्ष ने भी युवती के परिजन के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज कराया था। -  

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