मंगलवार, 5 अगस्त 2014

बेटी की बुकः मनमोहन को नहीं था 2009 में जीत का भरोसा



नई दिल्ली। संजय बारू और नटवर सिंह के बाद अब कांग्रेस को एक और किताबी धक्का लगने वाला है। कांग्रेस की परेशानी बढ़ाने के लिए एक और किताब जल्द ही सामने आएगी। यह किताब लिखी है पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बेटी दमन सिंह ने। उन्होंने लिखा है कि राहुल गांधी ने जब दागी सांसदों से जुड़े अध्यादेश को फाड़ने की बात की थी तो उनके पिता को काफी दुख हुआ था।


पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बेटी दमन सिंह की आने वाली किताब को लेकर आने वाली खबरें कुछ ऐसी ही हैं। दमन सिंह ने इस किताब में लिखा है कि उनके पिता को राजनीति में खास दिलचस्पी नहीं थी। उनको इस बात पर भी भरोसा नहीं था कि वे 2009 का चुनाव जीत जाएंगे। दमन सिंह ने लिखा है कि उनके पिता को दुख तब हुआ जब राहुल गांधी ने एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि अध्यादेश फाड़ देना चाहिए।

यह अध्यादेश दागी सांसदों को राहत वाला था। माना जा रहा था कि इससे लालू यादव सरीखे कुछ सजायाफ्ता सांसदों को सीधा लाभ होगा। हालांकि उस समय मनमोहन सिंह ने इस्तीफा नहीं दिया था लेकिन राहुल की छवि पर असर पड़ा था।

दमन ने अपनी किताब "Strictly Personal, Manmohan and Gursharan" में लिखा है कि कांग्रेस पार्टी में उनके पिता ने काफी विरोध झेला है। दमन ने लिखा है कि उनके पिता मनमोहन सिंह न तो शातिर राजनेता थे और न सौदेबाज राजनेता थे। दमन का कहना है कि पार्टी के नेताओं की हरकतों से मनमोहन सिंह कई बार आहत हुए, लेकिन वो एक मजबूत इंसान हैं और इन सब मुश्किलों से आसानी से उबर गए।

इस समय कांग्रेस का एक खेमा राहुल की जगह प्रियंका गांधी को आगे लाने की मांग कर रहा है। ऐसे में दमन सिंह की नई किताब कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति में नई हलचल घोल सकती है।

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