बुधवार, 2 जुलाई 2014

प्याज और आलू को आवश्यक वस्तु अधिनियम की लिस्ट में शामिल



नई दिल्ली। अच्छे दिन के इंतजार में जुलाई की दो तारीख तक पहुंच चुकी देश की जनता को महंगाई और मुश्किल में डाल रही है। दिल्ली के खुले बाजारों में प्याज की कीमत 40 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई है। ऐसे में आज केंद्र सरकार ने बेहद अहम फैसला लेते हुए प्याज और आलू को आवश्यक वस्तु अधिनियम की लिस्ट में शामिल कर लिया। इस फैसले के बाद अब राज्य सरकारें तय कर सकेंगी कि कारोबारी स्टॉक में कितना आलू-प्याज रखें। सरकार ने जमाखोरी रोकने के लिए राज्य सरकारों की जिम्मेदारी बढ़ा दी है।

बढ़ती महंगाई के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में बुधवार को भी विरोध प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शन में विपक्षी दलों के साथ ही आम आदमी भी शामिल रहा जो अच्छे दिनों के इंतजार में महंगी चीजें खरीद रहा है। ऐसे में करीब दो घंटे तक चली कैबिनेट की बैठक के बाद सरकार ने ताबड़तोड़ कई अहम फैसलों का ऐलान कर दिया।

अब आलू और प्याज आवश्यक वस्तु अधिनियम की लिस्ट में आ गए हैं। मतलब ये कि अब राज्य सरकारें तय कर सकेंगी कि कारोबारी स्टॉक में कितना आलू-प्याज रखें। इस तरह आलू प्याज की कीमत पर अब राज्य सरकारें नियंत्रण रख पाएंगी। यही नहीं आलू-प्याज की जमाखोरी रोकने के लिए राज्य सरकारें छापेमारी अभियान भी चला सकेंगी।



केंद्र की कोशिश जमाखोरी रोकने के लिए राज्य सरकारों को ज्यादा से ज्यादा अधिकार देने की है। इस बीच दिल्ली सरकार ने बुधवार से ही 300 अलग-अलग जगहों पर सस्ता प्याज बेचना शुरू कर दिया। सरकारी स्टालों पर प्याज 20 रुपये किलो और आलू 18 रुपए किलो बेचा जा रहा है।

कालाबाजारी रोकने के लिए फूड सप्लाई विभाग भी लगातार छापेमारी भी कर रहा है। हालांकि उप राज्यपाल नजीब जंग की मानें तो लोग डर के मारे ज्यादा खरीदारी कर रहे हैं। वैसे दिल्ली में थोक और खुदरा बाजार में सब्जियों की कीमत में अंतर चौंकाने वाला है।

गाजीपुर मंडी में प्याज की थोक कीमत थी 18 से 22 रुपए...जबकि खुदरा बाजार में प्याज बिक रहा है 40 रुपए प्रति किलो। आलू की थोक कीमत थी 14 से 17 रुपए...जबकि खुले बाजार में आलू बिक रहा है 25 रुपए किलो। टमाटर की थोक कीमत थी 5 से 8 रुपए किलो, जबकि खुले बाजार में टमाटर 20 रुपए किलो बिक रहा है।

साफ है थोक मंडी से खुले बाजार तक पहुंचने के बीच सब्जियों के दाम दोगुने हो रहे हैं। ऐसे में स्टाल लगाकर सब्जियां बेचने के साथ ही सप्लाई चेन की इस मुनाफाखोरी को रोकना भी जरूरी है। कीमतों को काबू करने और कालाबाजारी को रोकने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं, लेकिन जरुरत है इसे आगे जारी रखने कि जिससे की हालात बेकाबू ना हो जाए।



केंद्र सरकार ने कहा कि आलू, प्याज और अन्य खाद्य सामग्री का देश में पर्याप्त भंडार है और लोगों को इसकी कीमतें बढ़ने की आशंका से घबराने की जरूरत नहीं है। केद्रीय दूरसंचार और कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडियाकर्मियों से मुखातिब होते हुए कहा कि मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि वे बिल्कुल नहीं घबराएं। सरकार कीमत वृद्धि में नियंत्रण के लिए वचनबद्ध है। प्रसाद ने आशा जताई कि आने वाले समय में मानसून में सुधार होगा, जिसका खाद्य कीमतों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। परेशान मत हों, अच्छी बारिश होगी।



लगातार बढ़ती महंगाई को लेकर सरकार बेहद सतर्क दिख रही है। इसे लेकर आज कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें ये महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। इसके अलावा जमाखोरों पर भी सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

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