गुरुवार, 10 जुलाई 2014

न्यूयॉर्क में उठा राजस्थानी भाषा को मान्यता का मुद्दा


न्यूयॉर्क में उठा राजस्थानी भाषा को मान्यता का मुद्दा


न्यूयॉर्क में राजस्थान सम्मेलन, राना के मीडिया चेयरमैन भंडारी ने की प्रवासियों से अपील



बाड़मेर. राजस्थानएसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (राना) के न्यूयॉर्क में आयोजित राजस्थान सम्मेलन में राजस्थानी भाषा मान्यता का मुद्दा उठा। राना के मीडिया चेयरमैन प्रेम भंडारी ने सम्मेलन में मौजूद सभी प्रवासी राजस्थानियों से मायड़ भाषा को मान दिलाने की मुहिम में योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा 14 करोड़ राजस्थानियों की मातृभाषा की संवैधानिक मान्यता के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, जबकि हर प्रांत को अपनी भाषा में पढ़ने-लिखने का अधिकार मिला है। कारण राजस्थानी संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि राजस्थानी के शब्दकोश में 2.10 लाख शब्द संकलित है। करीब साढ़े तीन लाख अप्रकाशित और 25 हजार प्रकाशित ग्रंथ पुस्तकालयों में मौजूद है। भंडारी ने कहा कि राजस्थान विधानसभा में लिए गए संकल्प को 11 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। 17 दिसंबर 2006 को लोकसभा में तत्कालीन गृहराज्य मंत्री प्रकाश जायसवाल ने घोषणा की कि राजस्थानी एवं भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केन्द्र सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। डोगरी, मैथिली, संथाली सहित देश की 22 भाषाओं के माध्यम से आईएएस बनने की सुविधा है लेकिन राजस्थानी में नहीं। भंडारी ने कहा राजस्थानी भाषा को 8 वीं अनुसूची में जोड़ने की मांग प्रदेश प्रवास से जोर-शोर से उठाई जा रही है। ऐसे में प्रवासी राजस्थानियों को इस संघर्ष में जुटना चाहिए।


यह हमारे लिए खुशी की बात है कि अमेरिका की लाइब्रेरी आफ कांग्रेस ने राजस्थानी को दुनिया की तेरह समृद्ध भाषाओं में शुमार किया है।

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