बुधवार, 16 जुलाई 2014

बाड़मेर पांच सालो में पेंतालिस जने जिन्दा जले आगजनी की घटनाओ में

बाड़मेर पांच सालो में पेंतालिस जने जिन्दा जले आगजनी की  घटनाओ में 


बाड़मेर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में पिछले साढ़े पांच साल के दौरान आग की सबसे ज्यादा घटनाएं जयपुर और दौसा में हुई। लेकिन, आग की घटनाओं से सबसे ज्यादा नुकसान बाड़मेर में हुआ। यह जानकारी विधायक राजेंद्र सिंह यादव और गोविंद सिंह डोटासरा के सवाल पर आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग की ओर से विधानसभा में दी गई है। विभाग के अनुसार जयपुर, दौसा और बाड़मेर में तीन हजार से अधिक घटनाएं हुई हैं। इन घटनाओं में 342 लोग जिंदा जल गए और 2676 मवेशियों की क्षति हुई है।

प्रदेश में वर्ष 2009 से मई, 2014 के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में आग की 23 हजार 938 घटनाएं हुई है। इनमें वर्ष 2009 में 4481, वर्ष 2010 में 4836, वर्ष 2011 में 4741, वर्ष 2012 में 4646, वर्ष 2013 में 3815 और मई, 2014 में अब तक 1419 घटनाएं शामिल है।

जयपुर, दौसा व बाड़मेर में सबसे ज्यादा
इन साढ़े पांच सालों में जयपुर में 3242, दौसा में 3204 और बाड़मेर में 3032 घटनाएं हुई। बाड़मेर में 2188 लाख, जयपुर में 1877 लाख और दौसा में 1088 लाख का नुकसान हुआ। अलवर, अजमेर, नागौर, सीकर, जोधपुर, सवाई माधोपुर व धौलपुर जिले में एक हजार से अधिक आग की घटनाएं हुई है। नुकसान का आंकड़ा भी लाखों में है।

जयपुर में 48 व बाड़मेर में 45 जिंदा जले
आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में साढ़े पांच साल के दौरान 342 जनों की आग में जले से मौत हुई। उधर, प्रदेश में 2676 मवेशियों की आग की घटनाओं में मौत हुई। सबसे ज्यादा जयपुर में 532 मवेशियों की मौत हुईं।

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