रविवार, 27 जुलाई 2014

सहारनपुर दंगे के मामले में 20 गिरफ्तार,देखते ही गोली मारने के आदेश

Saharanpur : 20 arrested for rioting, shoot at sight orders issued

सहारनपुर। सहारनपुर में जमीन को लेकर दो समुदायों के बीच हुई हिंसा के मामले में 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हिंसाग्रस्त इलाके में तनाव जारी है लेकिन स्थिति नियंत्रण में है। हिंसा की ताजा वारदात सामने नहीं आई है।

30 जुलाई तक बंद रहेंगे स्कूल और कॉलेज

हिंसाग्रस्त इलाके में कर्फ्यू जारी है। रैपिड एक्शन फोर्स की 13 कंपनियों और पीएससी व सीआरपीएफ को तैनात किया गया है। प्रशासन ने देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए हैं। तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने स्कूल-कॉलेजों को 30 जुलाई तक के लिए बंद कर दिया गया है। सहारनपुर में हुई हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी जबकि 20 अन्य घायल हो गए। हिंसा में दो दर्जन वाहन और दुकानें जला दी गई थी।

मृतकों के परिजनों को मिलेगा 10-10 लाख का मुआवजा

यूपी सरकार ने हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रूपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि घायलों को 5-5 हजार रूपए की मदद दी जाएगी। सरकार ने हिंसा को लेकर जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने यूपी सरकार को कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए कहा है। यूपी के खुफिया सूत्रों के मुताबिक स्थानीय अथॉरिटीज को शहर में हिंसा की संभावना के बारे में पता था। इसके बावजूद पुलिस को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त बल नहीं लाया गया। सूत्रों के मुताबिक हिंसा नियंत्रण से बाहर होने के बाद अतिरिक्त यूनिटें मंगाई गई।

स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है

एसएसपी राजेश कुमार पांडे ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है। मिनट दर मिनट हालात सुधर रहे हैं। गत रात कुछ बदमाशों ने ट्यूब जलाने की कोशिश की थी लेकिन उसे नियंत्रित कर लिया गया। गत रात कुछ खास घटित नहीं हुआ। हमने अर्ध सैनिक बलों को तैनात किया है। सहारनपुर की जिला मजिस्ट्रेट संध्या तिवारी ने रविवार को संकेत दिए कि इलाके में स्थिति सामान्य हो रही है। ताजा हिंसा की कोई वारदात सामने नहीं आई है। छिटपुट आगजनी की घटना जरूर हुई है। हमारे पास पर्याप्त फोर्स है। शांति समिति की बैठक के बाद कर्फ्यू की समीक्षा की जाएगी। स्थिति पर करीब से नजर रखने के लिए प्रशासन ने यूएवी भी तैनात किए हैं।

भाजपा ने सपा सरकार पर लगाया हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप

भाजपा ने यूपी सरकार पर राजनीतिक लाभ उठाने के लिए हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। सहारनपुर दंगे पर भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि यूपी में सत्ताधारी लोग साम्प्रदायिक तनाव चाहते हैं ताकि वे वोट बैंक की राजनीति कर सकें। अखिलेश यादव की सरकार सभी मोर्चो पर विफल है। हुसैन ने कहा कि अखिलेश यादव अच्छी सरकार देने में विफल रहे हैं। उन्हें राज्य में कानून व्यवस्था को बनाए रखना चाहिए। हर चीज के लिए भाजपा को दोषी ठहराना,सपा की आदत हो गई है।

कांग्रेस ने कहा,यूपी को टुकड़ों में बांटने का सही वक्त

कांग्रेस ने भी दंगे के लिए यूपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस ने मांग की है कि राज्य को छोटे हिस्सों में बांट दिया जाए। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि यूपी को हिस्सों में बांट देना चाहिए। इसके लिए यह सही वक्त है। कांग्रेस ने जिला प्रशासन पर हिंसक झड़प रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया है। समाजवादी पार्टी के नेता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि यूपी में साम्प्रदायिक हिंसा और असामाजिक तत्वों की कोई जगह नहीं है। अगर विपक्षी दलों ने इसका राजनीतिकरण कोशिश की तो कानून अपना काम करेगा।

जमीन विवाद को लेकर हुई हिंसा

दंगा शनिवार को उस वक्त शुरू हुआ जब मुस्लिमों को सूचना मिली कि कुतुबशेर इलाके में कथित विवादित स्थल पर सिख समुदाय के लोगों ने निर्माण शुरू कर दिया है। मुस्लिमों ने इसका विरोध किया। मुस्लिम गुरूद्वारे के बाहर एकत्रित हो गए और पथराव किया। इसके बाद दोनों समुदायों के बीच हिंसक झड़प शुरू हो गई। जमीन को लेकर विवाद चार साल पहले शुरू हुआ था।

इलाके में रहने वाले सिख गुरूद्वारे के इलाके को बढ़ाना चाहते थे। इलाके से 200 मीटर दूर रहने वाले मुस्लिमों का कहना है कि स्पॉट के पास पिछले 10 साल से मस्जिद है। मामला कोर्ट में पहुंचा। निचली अदालत ने सिखों के पक्ष में फैसला सुनाया। मुस्लिम समुदाय के सदस्य इलाहाबाद हाईकोर्ट चले गए। हालांकि बाद में केस वापस ले लिया।

  

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