शुक्रवार, 11 अप्रैल 2014

लोक गीतों में गूंजी जसवंत महिमा

लोक कलाकारों द्वारा गाई जसवंत महिमा की प्रचार में धूम

लोक गीतों में गूंजी जसवंत महिमा


बाड़मेर सरहदी धोरो की महकती सुबह को लोक गायको ने जसवंत महिमा से गुंजायमान कर जान जान को जसवंत के पक्ष में वोट देने की अपील की जा रही हैं। भारत पाकिस्तान की सरहद पर बेस सरहदी बाड़मेर जैसलमेर संसदीय क्षेत्र को दुनिआ भर में चर्चा में ले आये पूर्व वित्त विदेश मंत्री जसवंत सिंह। जसवंत को भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय ताल ठोंक दी। जसवंत सिंह मालानी के ख्यातिनाम शख्शियत हैं जिन्होंने राजस्थान को नयी पहचान देश विदेश में दिलाई ,जसवंत सिंह के चुनाव मैदान में उतरने के साथ स्थानीय जनता उनके पक्ष में खुल कर आ रही हैं ,खास कर उनकी टिकट काटने के बाद उनके प्रति क्षेत्र की जनता में मान सम्मान और बढ़ा हैं ,स्थानीय अंतराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त लोक कलाकार गायक मांगनियारो ने जसवंत सिंह की जीवनी को वो महाराणा प्रताप कठे की तर्ज पर वो मालानी रो सपूत कठे। .... लोक गीत की रचना कर आम जान को प्रभावित कर दिया। गेहूं गाँव के मांगणियार लोक गायक जामत खान ने ओ मालानी रो सपूत कठे ,जसवंत सिंह जसोल जठै गाकर जसवंत सिंह के व्यक्तित्व को नई उंचाईंया दी। इस गीत ने पश्चिमी राजस्थान में धूम मचा दी हैं। आज बाड़मेर जैसलमेर जोधपुर पाली सहित हर जिले के गाँव गाँव ढाणी ढाणी ,गली गली गीत गूंज रहा हैं वाही सड़क पर चलने वाला प्रत्येक वाहन में जसवंत महिमा बज रही हैं।लोक गायक जामत खान ने बताया की जसवंत सिंह मालानी की धरती के सपूत हैं लोगो के दिलो में बस्ते हैं ,उन्हें जब से भाजपा से चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर की थी तभी हमने इस गीत की रचना की तयारी कर दी थी ,जब उनका टिकट कटा को दिल को बहुत पीड़ा हुई ,हमारे गाँव में जब जसवंत सिंह की पुत्र वधु चित्रा सिंह जी की आन सभा हुई तब हमने इसको पहली बार लोगो के बीच अपने ह्रदय की अंतरात्मा की गहराईयो से गाया। सभा में आये जसवंत समर्थको ने इसे मोबाइल रिकॉर्डिंग कर फेसबुक और वाट्स अप में दाल दिया ,यह गीत रातो रात प्रसिद्धि पा गया। बाद में इसकी जोधपुर में विधिवत रिकॉर्डिंग कराई जिसे जसवंत सिंह ने खुद जनता को समर्पित की। उन्होंने कहा की इस गीत ने मुझे नै उंचाईयां दे दी

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