रविवार, 27 अप्रैल 2014

इस बार अक्षय फल प्राप्ति व श्रेष्ठ मुहूर्त का महासंयोग लेकर आ रही आखातीज

ठ्ठ मांगलिक कार्यों के लिए सर्वश्रेष्ठ होने के साथ खरीदारी के लिए भी शुभ है यह दिन
ठ्ठ ज्योतिषविदों की मानें तो इस संयोग में पूजा-अर्चना और शुभ कार्यों को चिर स्थायित्व प्राप्त होगा
 

जालोर दो मई को 11 साल बाद आ रही अक्षय तृतीया इस बार अक्षय फल प्राप्ति का महासंयोग लेकर रथ पर सवार होकर आ रही है। इस दिन उच्च राशि में 4 ग्रह व सभी शुभ मुहूर्तों का शुभ संयोग भी बन रहा है। यह दिन जहां मांगलिक कार्यों के लिए सर्वश्रेष्ठ है। साथ ही खरीदारी के लिए भी यह दिन शुभ बताया जा रहा है। ज्योतिषविदों की मानें तो इस संयोग में पूजा-अर्चना और शुभ कार्यों को चिर स्थायित्व प्राप्त होगा। अगर अक्षय तृतीया पर ग्रह नक्षत्रों के साथ योगायोग को देखा जाए तो वर्षों बाद ऐसा संयोग बन रहा है जिसमें शुभ कार्यों के लिए पंचांग के सारे मुहूर्त विद्यमान रहेंगे। 2 मई को आ रही आखातीज में एक ओर जहां सूर्य अपनी उच्च राशि मेष और चंद्रमा वृष में होंगे, वहीं शुक्र और शनि भी इसी दिन उच्च राशि मीन व तुला में रहेंगे जो इस दिन की महत्ता को कई गुना बढ़ाएंगे। पंडित पवन दाधीच ने बताया कि सूर्य-चंद्रमा तो अक्षय तृतीया पर अक्सर आते रहते हैं लेकिन चार ग्रहों का एक साथ उच्च राशि में आने का संयोग दुर्लभ ही बनता है। इससे पहले ऐसा संयोग वर्ष 2003 में पांच ग्रहों का योग बना था, तब सूर्य-चंद्रमा के साथ मंगल, गुरु और शुक्र उच्च राशि में आए थे। आगे चार ग्रहों के उच्च राशि में आने का ऐसा संयोग 2019 और 2020 में बनेगा।
नौ रेखा का सावा और पंचांग के अन्य मुहूर्त भीत्नपंडित दाधीच के अनुसार इस दिन स्वयंसिद्ध अबूझ मुहूर्त होने के साथ ही पंचांग का नौ रेखा का सावा रहेगा। इसके अलावा गृहारंभ, गृहप्रवेश, देव प्रतिष्ठा, व्यापार आरंभ, कुआं पूजन, मुंडन संस्कार, मशीनरी आरंभ का शुभ मुहूर्त रहेगा।
अक्षय तृतीया का महत्वत्न शास्त्रानुसार क्षय कार्यों के स्थान पर अक्षय कार्य करने वाल दिन है अक्षय तृतीया। इसी दिन त्रेता युग का आरंभ हुआ, जो बढ़ोतरी कारक दिन माना जाता है। इसी दिन भगवान परशुराम का जन्म भी हुआ था। पंडित दाधीच के अनुसार चार सर्वश्रेष्ठ अबूझ मुहूर्तों में सबसे श्रेष्ठ मुहूर्त इसे ही माना जाता है। इनमें अक्षय तृतीया के अलावा नवसंवत्सर, दशहरा, दीपावली शामिल हैं।
खरीदारी के लिए सर्वश्रेष्ठत्न खरीदारी के लिए शुभ दिन होने के साथ व्यापार के लिए ये दिन विशेष रहेगा। इस दिन स्वर्णाभूषण, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक सामान, वस्त्राभूषण करने पर पारिवारिक सुदृढ़ता का द्योतक रहेगा। व्यापार में भी रौनक बढ़ेगी।

इसलिए भी है खास
पंडित पवन दाधीच के अनुसार अक्षय तृतीया पर सुबह 11.18 बजे तक रोहिणी नक्षत्र रहेगा। इसके बाद मृगशिरा नक्षत्र शुरू हो जाएगा। चंद्रमा उच्च राशि में रहने के कारण दोनों ही नक्षत्रों की महत्ता को बढ़ाएगा। इसी दिन सुबह 11.18 से 12.04 बजे तक राजयोग बनेगा। इसके अलावा 11.18 से अगले दिन 1.08 बजे तक रवियोग बनेगा। ये सभी संयोग खरीदारी, शुभ कार्य और पूजा अर्चना में अक्षय फल प्राप्ति वाले साबित होंगे।
11 साल बाद उच्च राशि में 4 ग्रह व सभी शुभ मुहूर्तों का 2 मई को शुभ संयोग
ग्रह नक्षत्र

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