शुक्रवार, 4 अप्रैल 2014

बीजेपी उम्‍मीदवार ने वसुंधरा से कर डाली अफीम की मांग



जसवंत सिंह के बदले जिस उम्मीदवार के भरोसे बीजेपी बाड़मेर फतह की सोच रही है उसी कर्नल सोनाराम को चुनाव में जीत के लिए डोडा-पोस्त यानी अफीम पर श्रद्धा है. पार्टी की एक मीटिंग में चुनावी रणनीति बनाने जुटे कार्यकर्ताओं की सभा में सोनाराम ने वसुंधरा राजे से अफीम की मांग कर दी.
वसुंधरा राजे
पश्चिम राजस्थान में अफीम पिलाकर वोट मांगने का मामला आम है. शायद यही वजह थी कि सोनाराम की मांग पर वसुंधरा ने ना तो फटकार लगाई ना ही कोई चेतावनी दी. यानी अफीम की मांग का समर्थन किया वसुंधरा राजे ने भी. हालांकि 10 साल पहले वसुंधरा राजे के ही शासनकाल में जब जसवंत सिंह ने अपने घर पर रियाण यानी अफीम पंचायत बैठाई थी, तो सीएम साहिबा ने नार्कोटिक्स विभाग में मुकदमा दर्ज करा दिया था.

दरअसल पश्चिमी राजस्थान में रियाण यानी अफीम पंचायतें तय करती हैं कि वोट किसको डलेगा. समाज के बड़े-बुजुर्ग जब वोट तय करने के लिए एक साथ बैठते हैं तो उस वक्त अफीम घोलकर पिलाया जाता है और जब एक बार किसी पार्टी की तरफ से अफीम पी ली गई, तो फिर वोट भी उसी को देना पड़ता है. रियाण में शामिल हर शख्स उस अफीम का घूंट पीता है. चनाव में गांव-गांव में रियाण चलता है. जिसे अफीम पंचायत भी कहते हैं. इसी रिवाज का हवाला देते हुए बीजेपी के बाड़मेर उम्मीदवार ने डोडा-पोस्त की मांग की, जिसपर जमकर तालियां भी बजी.



कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए सोनाराम की इस करतूत की आड़ में कांग्रेस सोनाराम के खिलाफ कार्रवाई के मूड में है. कांग्रेस की प्रवक्ता अर्चना शर्मा का कहना है कि पार्टी इस बारे में शिकायत करेंगी. उन्होंने कहा, 'ये बेहद निंदनीय है कि वसुंधरा की मौजूदगी में उम्मीद्वार नशे की मांग कर रहे हैं और बढ़ावा दे रहे हैं, ये बीजेपी के दोहरे चरित्र को दर्शाता है'.


 

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