रविवार, 20 अप्रैल 2014

2.05 करोड़ में बदनामी वाली सीडी



जयपुर। भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य व निजी कॉलेज के संचालक को कथित सीडी बनाकर ब्लैकमेल कर रही महिला और बिचौलिए को दिल्ली पुलिस ने शनिवार सुबह 40 लाख रूपए लेते गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने दोनों को अशोक मार्ग पर केशव पथ स्थित बिचौलिए की जवाहरात गद्दी में पकड़ा। महिला ने सीडी के बदले कॉलेज संचालक से 2 करोड़ 5 लाख रूपए में सौदा तय किया था और 15 लाख रूपए पहले ही ले चुकी थी।
At 2.05 million defamation CD
गिरफ्तार महिला सोढाला स्थित हवा सड़क निवासी है, जबकि बिचौलिया अरूण कोठारी जवाहर नगर सेक्टर-दो में रहता है। महिला के खिलाफ मूलत: भरतपुर व हाल दिल्ली निवासी जितेन्द्र फौजदार ने इसी साल जनवरी में ब्लैकमेल करने की एफआईआर दर्ज कराई थी। जितेन्द्र निजी कॉलेज चलाते हैं और भाजपा कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं। उनके मुताबिक, महिला ने कथित सीडी के बदले 10 करोड़ रूपए मांगे। सौदा 2 करोड़ 5 लाख में तय हुआ। फौजदार उसे 15 लाख पहले ही दे चुके थे और 40 लाख की दूसरी किस्त देने बुलाया था। इसके अलावा महिला ने एडवांस में एक करोड़ 90 लाख रूपए का चेक लिया था।

फंसा रही थी महिला

छेड़छाड़ और दुष्कर्म पर सख्त कानून बनाना अच्छा है, लेकिन इसकी आड़ में ब्लैकमेलिंग भी हो रही है। महिला कुछ लोगों के इशारे पर मुझे कथित सीडी के जरिए फंसा रही थी। पहले भी साजिश के तहत गबन का मामला दर्ज कराया गया था। जितेन्द्र फौजदार, भाजपा नेता

तब चली गई थी थाने से

सोढाला थाना पुलिस ने बताया कि महिला दो महीने पहले थाने में फौजदार के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराने पहुंची थी। पुलिस ने फर्द रिपोर्ट बनाकर हस्ताक्षर करने को कहा, तभी उसने मोबाइल पर किसी से बात की और पांच मिनट में आने की कहकर गई, लेकिन वापस नहीं आई।

साथ आया था पति, पुलिस को देख कार से भागा

महिला ने फौजदार को अशोक मार्ग पर केशव पथ स्थित सिल्वर प्लेनेट्स में अरूण की जवाहरात गद्दी पर बुलाया। दिल्ली पुलिस ने बताया कि फौजदार सुबह साढ़े दस बजे 5-5 लाख रूपए के आठ बंडल लेकर पहुंचे। महिला अपने पति के साथ कार से पहुंची। पति कार में बैठा रहा और उसने गद्दी पर आकर रूपए लिए। तभी दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर जोरावर सिंह, सब-इंस्पेक्टर रीता और हेड कांस्टेबल गोवर्घन व पुष्पा ने उसे और बिचौैलिए अरूण को दबोच लिया।

यह देखकर महिला का पति कार से रफूचक्कर हो गया। दिल्ली पुलिस ने ट्रांजिट रिमांड के लिए दोनों को मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट भारत भूष्ाण गुप्ता से समक्ष पेश किया, लेकिन दिल्ली की दूरी कम होने के कारण ट्रांजिट रिमांड नहीं मिली। बाद में पुलिस दोनों को लेकर दिल्ली रवाना हो गई और गद्दी में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज भी साथ ले गई, जिसमें पूरा घटनाक्रम कैद है।

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