गुरुवार, 10 अप्रैल 2014

11 की उम्र में शादी, 17 की उम्र में 5 बच्चों की मां -



जयपुर। जननी सुरक्षा के तमाम दावों के बीच आज भी सड़कों और फुटपाथों पर माएं बच्चों को जन्म दे रही हैं। यह किसी गांव-ढाणी की नहीं सुविधाओं से लैस राजधानी जयपुर की हकीकत है। न कोई डॉक्टर, न कोई नर्स और न ही दवाइयां, बस एक-दूसरे का साथ, जिसकी बदौलत फुटपाथ पर रहने वाली ये जननियां मिलकर नन्हीं जिंदगी को इस दुनिया में लाती हैं। इनमें से कुछ फरिश्ते वक्त के थपेड़े सह लेते हैं, तो कुछ आते ही दुनिया को अलविदा कह देते हैं। बच्चे को जन्म दिलाने का प्रशिक्षण इन्हें किसी डॉक्टर ने नहीं वक्त ने सिखाया है।

छोटी उम्र, बड़ी जिम्मेदारी
राजधानी की टोंक रोड के फुटपाथ पर रहने वाली तारा अपनी गोद में एक माह के नन्हें बेटे को लिए घूम रही थी। बच्चा आधा गोद में तो आधा हवा में झूल रहा था। हालांकि तारा उसे बार-बार प्यार से संभालने की कोशिश कर रही थी, लेकिन हर बार नाकाम रहती। उसकी बड़ी-बड़ी आंखों में चमक थी और चेहरे पर मुस्कान। उसने बताया मेरी उम्र 17 साल है। यह पहला बच्चा नहीं है, इससे पहले भी चार बच्चे हुए, उनमें से तीन कुछ दिन बाद ही मर गए।
Girl married in age of 11 and become 5 children`s mother
अब दो बच्चे हैं बेटी साढ़े पांच साल और बेटा एक माह का है। कुछ देर बाद खुशी से बोली हम डिलीवरी के लिए अस्पताल में नहीं जाते, वहां सब मुफ्त है, लेकिन फिर भी कुछ पैसा तो लगता ही है, उतना भी कहां से लाएं। यहां दो वक्त की रोटी मुश्किल से मिलती है। सब बच्चे फुटपाथ की महिलाओं ने ही करवाए। हम सब एक-दूसरे की ऎसे ही मदद करते हैं। जब सब सही हुआ तो बच्चे जी गए, नहीं तो सांसें ही नहीं चलीं। मानों फुटपाथ पर रहते-रहते उसकी भावनाएं भी कठोर हो गई।

शादी को हो गए छह साल
तारा ने बताया कि उसकी शादी को छह साल हो गए हैं। शादी के समय उसकी उम्र 11 साल थी। पिता राजसमंद से मजदूरी करने जयपुर आ गए और फिर हम यहीं फुटपाथी बनकर रह गए, गांव में भी करने को कुछ था नहीं, तो फुटपाथ को घर बनाना मजबूरी था। लड़की थी, बोझ थी उनपर तो 11साल की होने पर ही रिक्शा चलाने वाले से शादी कर दी। एक साल बाद ही मैंने एक बेटी को जन्म दिया। उस समय मैं 12 साल की थी। पहले तो समझ ही नहीं आया, बच्चा संभालूं कैसे?, लेकिन वक्त ने सब सिखा दिया। फिर हर साल बच्चे हुए, लेकिन जी नहीं पाए। अब कुछ दिन पहले ही एक बेटा हुआ है। लेकिन दुख एक ही बात का है कि ये भी यूं ही फुटपाथ पर जिंदगी काट देंगे।

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