सोमवार, 31 मार्च 2014

"मुझे नहीं पता कि महारानियों के भी मूंछ होती है"

जैसलमेर। बाड़मेर-जैसलमेर संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी जसवंतसिंह ने भाजपा से निष्कासन के बाद कहा है कि उनके साथ गलत व्यवहार हुआ है, लेकिन वे इसका विश्लेषण नहीं करेंगे। विश्लेषण करना भाजपा का काम है कि वे सोचे की आखिर ऎसा कैसे हुआ ?
पत्रकारो से बातचीत मे उन्होने कहा कि यदि मे यह चुनाव जीता तो क्षेत्र के विकास के लिए काम करूंगा, चाहे किसी की भी सरकार बने। उन्होने कहा कि कई नेताओ मुलायमसिंह, आजम खां, नीतिश कुमार, ममता बनर्जी आदि ने मुझे फोन किए हैं।

ये फोन पारस्परिक संबंधो के कारण किए गए। उन्होने यह भी माना कि लालकृष्ण आडवाणी से भी उनकी पारस्परिक संबंधो के रूप मे बातचीत हुई है। उन्होने इस बात से इनकार किया कि वे किसी अन्य पार्टी मे शामिल होने की इच्छा रखते हैं। जब कभी भी ऎसा करने की नौबत आएगी तो बाड़मेर-जैसलमेर क्षेत्र की जनता से पूछकर ही कदम उठाएंगे।

महारानियों के भी मूंछें!
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के हाल ही में दो बार बाड़मेर आने के बारे में चुटकी लेते हुए कहा कि अब लगता है, भाजपा का 25 सीटों का मिशन गायब हो गया और बाड़मेर की एक सीट का ही मिशन रहा गया है। इस सवाल पर कि यहां का चुनाव मुख्यमंत्री के लिए मूंछ का सवाल हो गया है, पर कहा कि मुझे नहीं पता कि महारानियों के भी मूंछ होती है।

आदर्शो के लिए लड़ाई
भाजपा से बगावत करने के सवाल पर सिंह ने कहा कि यह बगावत नहीं है। भाजपा के आदर्शो व अधिकारो के लिए लड़ रहा हूं। आलाकमान को अब भी सोचने की जरूरत है। समझ मे नहीं आ रहा कि पार्टी रोज कांगे्रस से नेता शामिल करती जा रही है। नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के सवाल पर उन्होने कहा कि यह तो राष्ट्र तय करेगा। मन को विशाल रखने वाला व्यक्ति ही प्रधानमंत्री बनने के काबिल है। - 

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