रविवार, 30 मार्च 2014

भाजपा के मिशन-25 में जसवंत, महरिया का पेच

जयपुर। प्रदेश में लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में होने वाले 20 सीटों के नामांकन वापसी की प्रक्रिया भले ही शनिवार को पूरी हो गई, लेकिन भाजपा दो सीटों पर अपने बागियों को मनाने में कामयाब नहीं हो पाई है।
बाड़मेर में भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह और सीकर में पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया के मैदान में डटे होने से प्रदेश भाजपा के मिशन-25 को झटका लगने की स्थिति बन गई है।

इस चरण में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सी.पी. जोशी, केन्द्रीय मंत्री गिरिजा व्यास, चंद्रेश कुमारी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री शीशराम ओला की पुत्रवधू राजबाला की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। नामांकन वापसी के बाद अब ताकत प्रदर्शन का जोर शुरू होगा। बड़े नेताओं की रैलियां, सभाएं और रोड शो के जरिए मतदाताओं तक नेता पहुंचेंगे।

सीकर में महरिया पर नजर
सीकर में भाजपा के नेता सुभाष महरिया ने टिकट नहीं मिलने के विरोध में ताल ठोकी है। भाजपा ने यहां से सुमेधानंद को तथा कांग्रेस ने रिटायर्ड अधिकारी पी.एस. जाट को टिकट दिया है। महरिया पूरी ताकत से मैदान में हैं, लेकिन टक्कर भाजपा-कांग्रेस में ही रहने की स्थिति अभी बनी हुई है।

बाड़मेर में त्रिकोणीय मुकाबला
बाड़मेर लोकसभा सीट पर जसवंत सिंह ने मुकाबले त्रिकोणीय बना दिया है। भाजपा कर्नल सोनाराम को टिकट देकर जसवंत को बगावत का मौका दिया है। कांग्रेस ने मौजूदा सांसद हरीश चौधरी को मैदान में उतारा है। तीनों ही मैदान मारने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं। वसुंधराराजे ने इस सीट को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना रखा है। जसवंत अपने राजनीतिक जीवन का अंतिम चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत लगाए हुए हैं। उन्हें उम्मीद है कि मुस्लिम वोटों के अब तक मिल रहे समर्थन को दोहराया जाएगा।

पायलट को टक्कर दे रहे सांवर लाल
अजमेर में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट का सीधा मुकाबला प्रदेश सरकार में केबिनेट मंत्री भाजपा के सांवरलाल जाट से हैं। पायलट के लिए सीट बचाना बड़ी चुनौती है। हाल ही हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान को हार का सामना करना पड़ा था। जाट ने पायलट को इस संसदीय क्षेत्र में पूरी तरह घेरने की रणनीति बना रखी है, ताकि पायलट यहीं उलझ कर रह जाएं और अन्य सीटों पर प्रचार के लिए ना जा सकें।

झुंझुनूं में चतुष्कोणीय संघर्ष
झुंझुनूं में कांग्रेस ने कद्दावर जाट नेता स्वर्गीय शीशराम ओला की बहू राजबाला को मैदान में उतारा है। भाजपा ने सूरजगढ़ से मौजूदा विधायक संतोष अहलावत को टिकट दिया है। नवलगढ़ से मौजूदा विधायक राजकुमार शर्मा भी मैदान में हैं। उनके मैदान में डटे रहने से कांग्रेस को सीधे तौर पर नुकसान की संभावनाएं आंकी जा रही हैं। हालांकि आम आदमी पार्टी के राज कादयान मुकाबले को चतुष्कोणिय बनाने में जुटे हैं।

असंतुष्टों ने हनुमान बेनीवाल को उतारा
नागौर में कांग्रेस ने मौजूदा सांसद ज्योति मिर्धा को फिर मौका दिया है। इसका स्थानीय कार्यकर्ताओं का बड़ा गुट विरोध कर रहा है। भाजपा ने रिटायर्ड अधिकारी सी.आर. चौधरी को टिकट दिया है, वे भी कार्यकर्ताओं का समर्थन पूरी तरह हासिल नहीं कर पा रहे हैं। दोनों ही दलों के असंतुष्टों ने एक होकर निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल को मैदान में उतार दिया। इससे त्रिकोणात्मक संघर्ष बन गया।

भंवरलाल पर बाहरी होने का आरोप
श्रीगंगानगर में भाजपा ने पूर्व सांसद निहालचंद मेघवाल और कांग्रेस ने पूर्व मंत्री मास्टर भंवरलाल को टिकट दिया है। भंवरलाल पर बाहरी होने के आरोप लग रहे हैं, जबकि मेघवाल को स्थानीय होने के फायदा मिलने की उम्मीद है। मैदान में जमींदारा और आम आदमी पार्टी भी है, लेकिन जोर नजर नहीं आ रहा है।

कई जगह भाजपा-कांग्रेस में सीधी टक्कर
जोधपुर में कांग्रेस के टिकट पर केन्द्रीय मंत्री चंद्रेश कुमारी का सीधा मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के नए चेहरे गजेन्द्र सिंह शेखावत से और चित्तौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र में केन्द्रीय मंत्री गिरिजा व्यास का सीधा मुकाबला भाजपा के नए चेहरे सीपी जोशी से है। भीलवाड़ा, कोटा, उदयपुर, राजसमंद, पाली, बांसवाड़ा संसदीय सीटों पर भी भारतीय जनता पार्टी व कांग्रेस में सीधी टक्कर है।

जोशी को नहीं मिल रहा सहयोग
जयपुर सीट से महेश जोशी को कांग्रेस के लोगों का ही पूरा साथ नहीं मिल पा रहा है, वहीं भाजपा ने नए चेहरे रामचरण बोहरा पर दांव खेला है। आम आदमी पार्टी ने डॉ. वीरेन्द्र सिंह को उतारकर मुकाबला रोचक करने का प्रयास किया है, लेकिन इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस में ही सीधा मुकाबला नजर आ रहा है।

पिलानिया बना रहे मुकाबले को रोचक
जयपुर ग्रामीण सीट से भीलवाड़ा सीट छोड़कर आए कांग्रेस के दिग्गज नेता सीपी जोशी मैदान में हैं तो भाजपा ने भी अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज राज्यवर्धन सिंह राठौड़ पर बाजी खेली है। नेशनल पीपुल्स पार्टी के मौजूदा विधायक नवीन पिलानिया ने ताल ठोककर संघर्ष को त्रिकोणात्मक दिशा में बढ़ाने का काम किया है।

भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने
चूरू में भाजपा ने नए चेहरे राहुल कस्वां को उतारा है, जबकि कांग्रेस ने भी नए चेहरे प्रताप पूनिया को मौका दिया है। पूनिया को प्रत्याशी घोषित करने का स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं का एक गुट विरोध कर रहा है।

बूटा सिंह भी ताकत दिखाने को तैयार
जालोर में समाजवादी पार्टी के बैनर तले दिग्गज नेता बूटा सिंह के मैदान में होने से संघर्ष त्रिकोणात्मक हो गया। भाजपा ने यहां से मौजूदा सांसद देवजी पटेल पर भरोसा जताया है, जबकि कांग्रेस ने उदयलाल आंजना को टिकट दिया है। आंजना बाहरी उम्मीदवार हैं और हाल ही विस चुनाव हार चुके हैं। - 

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