गुरुवार, 27 फ़रवरी 2014

बाड़मेर "ठेकेदारी" मंजूर, पर "दुकानदारी" नहीं!

बाड़मेर। प्रदेश में हाल ही में हुए शराब के ठेकों में सैकड़ों दुकानें महिलाओं के नाम खुली हैं और वे उनकी सालभर के लिए लाइसेंस धारक होगी लेकिन उन्हें खुद शराब बेचने की इजाजत नहीं है। आबकारी विभाग प्रदेश में महिलाओं को शराब बेचने की इजाजत नहीं देता है।

शराब की अंग्रेजी और देसी दुकानों में गाढ़ी कमाई के मद्देनजर प्रदेश में लाइसेंस लेने की होड़ मची थी। ऎसे में पुरूषों के साथ हजारों की संख्या में महिलाओं के नाम से भी आवेदन किए गए। लॉटरी से आवंटन प्रक्रिया में प्रदेश के प्रत्येक जिले में महिलाओं के नाम दर्जनों दुकानें खुली हैं। इनका लाइसेंस महिलाओं के नाम जारी हुआ है और वे दुकान के संचालन के लिए पूरी जिम्मेदार भी होगी लेकिन अपनी दुकान पर बैठकर वे शराब बेच नहीं पाएंगी।

आबकारी अधिनियम के तहत एक ठेकेदार को दो सेल्समैन रखने होते हैं। ये दोनों ही पुरूष होंगे, महिला नहीं हो सकती। ऎसे में जिन महिलाओं के नाम ठेके हुए हैं वे शराब की दुकान पर बैठकर बिक्री नहीं कर सकती हैं।

बार में भी नहीं
प्रदेश में बार की संख्या भी बढ़ी है। वहां भी महिला सेल्समैन रखने की इजाजत मांगी गई है लेकिन इससे भी विभाग ने इनकार किया है। बार का संचालन पुरूष ही कर पाएंगे।

60 को लाइसेंस
बाड़मेर जिले में अंग्रेजी की 18 में से तीन और देसी शराब की 172 में से 57 कुल 190 में से 60 दुकानों के लाइसेंस महिलाओं के नाम जारी हुए हैं।

संभाल सकती हैं दुकान
महिला ठेकेदार दुकान पर बैठकर व्यावसायिक गतिविधियां तो संचालित कर सकती हैं पर वे ग्राहकों को शराब नहीं बेच सकती। विरोधाभासी स्थिति यह होगी कि लाइसेंसधारक होने के कारण महिला दुकान पर आ तो सकती हैं पर सीधे ग्राहकों को शराब की बिक्री नहीं कर पाएंगी।

शराब बिक्री की इजाजत नहीं
महिलाएं शराब ठेको पर शराब की बिक्री नहीं कर पाएंगी। ऎसा विभाग के नियमों में है। सेल्समैन ही रखे जाएंगे। जिले में महिलाओं के नाम साठ लाइसेंस जारी हुए हैं।- मोहनलाल पूनिया, जिला आबकारी अधिकारी

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