बुधवार, 30 अक्तूबर 2013

नाबालिग से सामूहिक रेप के आरोपियों को उम्रकैद, छात्रा का शिक्षक ही आरोपी



श्रीमाधोपुर. नाबालिग बालिका से सामूहिक ज्यादती के एक मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश केदारमल गुप्ता ने छह आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। मामला 12 अक्टूबर 2011 का है। राजपुरा गांव की स्कूली छात्रा अपनी भाभी के साथ डॉक्टर को दिखाने खंडेला अस्पताल आई थी। पहले उसे पढ़ा चुका शिक्षक उसे यहां से जांच करवाने के बहाने ले गया था। उसके बाद छह लोगों ने उससे ज्यादती की थी।
नाबालिग से सामूहिक रेप के आरोपियों को उम्रकैद, छात्रा का शिक्षक ही आरोपी
सहायक लोक अभियोजक रामावतार सैनी ने बताया कि खंडेला थाने में 15 अक्टूबर 2011 को सामूहिक ज्यादती का मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी नवनीत पुत्र सुरेंद्र शर्मा व उसके पांच साथियों सुरेश पुत्र हरिप्रसाद शर्मा, हितेश पुत्र विमल शर्मा, श्यामसुंदर पुत्र सत्यनारायण शर्मा, बजरंगलाल पुत्र रघुवीर शर्मा व प्रदीप पुत्र विश्वनाथ शर्मा को गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने सभी को मामले में दोषी माना और उम्र कैद की सजा सुनाई है। आरोपियों पर 65 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है।

यह था मामला
12 अक्टूबर 2011 को बालिका अपनी भाभी के साथ खंडेला के राजकीय चिकित्सालय में दिखाने आई थी। तभी उसे वहां खंडेला निवासी नवनीत मिला। नवनीत पहले उसके स्कूल में पढ़ाता था। इस कारण वह उनसे बातचीत करने लगा। जब उसे बीमारी के बारे में बताया तो उसने कहा कि वह डॉक्टर को दिखा देगा। डॉक्टर को दिखाने के बाद उसने कहा कि पीलिया की जांच करवानी होगी। उसने बालिका को बाइक पर साथ चलने के लिए कहा। जब उसकी भाभी ने भी साथ चलने के लिए कहा तो आरोपी ने कहा कि वह खुद ही जांच करवाकर वापस ले आएगा। वह बालिका को बाइक पर बिठाकर एक खंडहर में ले गया। वहां पांच लोग पहले से मौजूद थे। सभी ने उसके साथ ज्यादती की। छात्रा गहरे सदमे में आ गई और उसने दो दिन बाद परिजनों को पूरी कहानी बताई। इस पर परिजनों ने खंडेला थाने में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने अगले ही दिन नवनीत शर्मा को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद उसकी निशान देही पर पांच और आरोपी पकड़े गए।

13 दिसंबर 2011 को पुलिस ने अदालत में चालान पेश किया था। कोर्ट ने सभी 6 आरोपियों को सामूहिक ज्यादती में दोषी मानकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई। मुख्य आरोपी नवनीत को ज्यादती के अलावा अपहरण का भी दोषी माना और पांच साल के कठोर कारावास की सजा अलग से सुनाई। दोनों सजाएं साथ चलेगी। जुर्माने के 65 हजार में से 50 हजार रुपए पीडि़ता को दिलाने के आदेश भी न्यायालय ने दिए। पीडि़ता की ओर से एडवोकेट हरीश शर्मा, फूलसिंह सामोता ने भी पैरवी की। सामूहिक ज्यादती के आरोपी को सजा सुनाने के बाद जेल ले जाती पुलिस।

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