शुक्रवार, 31 मई 2013

सांग सिंह प्रबल दावेदार पर साले मोहम्मद से पैक्ट की चर्चाएँ पड़ सकती हें भारी



जैसलमेर की ताज़ा राजनीती पर ख़ास रिपोर्ट जैसलमेर किस करवट बदलेगी राजनीती


सांग सिंह प्रबल दावेदार पर साले मोहम्मद से पैक्ट की चर्चाएँ पड़ सकती हें भारी



चन्दन सिंह भाटी


जैसलमेर भारत पाकिस्तान की सरहद पर बसे राजस्थान के अंतिम जिले जैसलमेर में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर स्थानीय नेताओं की जोर आश्माऎस शुरू हो गयी .जिले में दप विधानसभा सीटें जैसलमेर और पोकरण हें ,जन्हा वर्त्तमान में जैसलमेर सीट भाजपा और कांग्रेस के पास पोकरण हें .वर्त्तमान भाजपा विधायक छोटू सिंह भाटी का कार्यकाल कोई नहीं रहा .राजनितिक नासमझ के कारण कई मौको पर छोटू सिंह जनता के बीच अपनी छवि नहीं बना पाए वाही छोटू सिंह द्वारा वर्त्तमान कांग्रेस सरकार का हर कार्यक्रम में उपस्थिति दर्ज करने से भाजपा के आला नेता भी उनसे नाराज़ हें ,बताया जा रहा हें की कांग्रेस के हर कार्यक्रम में शरीक होकर छोटू सिंह गुणगान करते नज़र आने से भाजपा कार्यकर्ता खफा हें ,विकास के नाम पर भी छोटू सिंह कुछ भी नहीं कर पाए .विधायक कोटे का भी उपयोग नहीं कर पाए ,वर्तमान विधायक भाजपा प्रदेश अध्यक्षा वसुंधरा राजे की टीम से मेल नहीं खाते उन पर गाज गिर सकती हें ,भाजपा के पास दावेदारों में पूर्व विधायक सांग सिंह ,रेणुका भाटी ,मनोहर सिंह अडबाला ,रणवीर सिंह सोढा शामिल हें ,सांग सिंह ने गत पांच सालो में अपनी छवि जन नेता की बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी .जनता हो या किसान या छात्र हर आन्दोलन में साथ खड़े नज़र आये वही जन हित मुद्दों की पैरवी ,कांग्रेस नेताओं ,मंत्रियों का घेराव करने में भी अग्रणी ,रहे सांग सिंह जैसलमेर से सशक्त दावेदार हें मगर दो मर्चों पर वो भी कमज़ोर साबित हो रहे हें छोटू सिंह पर राजनितिक आरोप हें की उन्होंने अल्पसंख्यक नेता और पोकरण विधायक साले मोहम्मद से पेक्ट कर रखा हें की वो पोकरण में उनकी मदद करेंगे साले मोहम्मद जैसलमेर में मुसलमानों के वोट दिला कर मदद करे।इसी पेस्ट की शिकायत वसुंधरा राजे तक भाजपा के स्थानीय नेताओ ने की हें ,सांग सिंह पर कथित सी डी प्रकरण में शामिल होने की चर्चे हें ,इस सी डी को राज्य के एक चेनल ने चलाया था जिसके चलते उनकी टिकट कटी थी , इस बार सांग सिंह को टिकट मिली तो काफी भरी उम्मीदवार साबित होंगे अलबता एनी उम्मीदवारों में मनोहर सिंह अडबाला की साफ़ छवि और युवा होने के कारन उन्हें प्राथमिकता मिले तो कोई आश्चर्य नहीं सांग सिंह अगर फ़क़ीर परिवार के साथ किये कथित पेक्ट को छोड़ते हें तो भाजपा को पोकरण में भी सफलता मिल सकती हें ,कांग्रेस के पास भी जैसक्मेर में दावेदारों की लम्बी फेहरिस्त हें ,उम्मेद सिंह तंवर ,सुनीता भाटी ,सभापति अशोक सिंह तंवर ,गोवर्धन कल्ला ,दिनेश पाल सिंह ,जनक सिंह सत्तो ,देव्कारम माली ,इनमे उम्मेद सिंह तंवर और सुनीता भाटी सशक्त दावेदार हें ,अशोक गहलोत से नज़दीकियों का फायदा उम्मेद सिंह तंवर को मिले तो कोई आश्चर्य नहीं ,पोकरण में कांग्रेस के पास एक मात्र उम्मीदवार साले मोहम्मद हें वहीं भाजपा की और से गत चुनावों में बहुत कम अंतर से हरे शैतान सिंह ,पूर्व शिव विधायक जालम सिंह रावलोत ,मुराद अली मेहर के साथ साथ पूर्व सांसद मानवेन्द्र सिंह नाम भी चर्चा में हें ,शैतान सिंह को भाजपा एक और मौका दे सकती हें क्योंकि गत चुनावों में एक बारगी शैतान सिंह की जीत तय हो गयी थी मगर पोस्टल मतों में गणित बिगाड़ दिया लगभग पांच सौ मतों से चुनाव हार गए थे .भाजपा को पोकरण सीट निकलने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने होंगे क्योंकि वर्तमान विधायक साले मोहम्मद ने अपने कार्यकाल में हर वर्ग के लोगो का काम किया हें ,अलबता पोकरण और जैसलमेर प्रशासन में साले मोहम्मद समर्थको का दबदबा अन्य समाज के लोगो को पसंद नहीं आ रहा ,साले मोहम्मद के समर्थको का जिला प्रशासन में इस कदर आंतक हें की कोई अधिकारी इनके खिलाफ जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाते ,हर किसी के पास साले मोहम्मद जैसा पॉवर होना साले मोहम्मद के खिलाफ जा सकता हें .फ़क़ीर परिवार की बादशाहत को ग्रान लग चुका हें ,गाजी फ़क़ीर के नेपथ्य में जाने से और अल्पसंख्यक समुदाय में गाजी फ़क़ीर के विरोध के कारण कई मुस्लिम नेता उनके खिलाफ हो गए वर्तमान में जैसलमेर की राजनीती में भाजपा कांग्रेस के पास एक एक सीट जीतने का मौका हें मगर जो चुनाव में पूर्ण राजनितिक कूटनीति और रन निति से लडेगा उसे सफलता मिल सकती हें ,पिछली बार बागियों ने दोनों दलों का खेल बिगाड़ दिया था ,छोटू सिंह को शहरी मतदाताओ के अतिरिक्त समर्थन के कारन सफलता मिल गयी थी .--

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें