सोमवार, 1 अप्रैल 2013

नरेंद्र मोदी ने की अपनी पत्नी से सुलह!

नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी के समर्थकों के लिए दोहरी खुशखबरी है। एक तरफ तो मोदी के लिए बीजेपी संसदीय बोर्ड में जगह के जरिए दिल्ली का दरवाजा खुलता दिख रहा है। वहीं, दूसरी तरफ मोदी ने निजी जिंदगी में भी बड़ी पहल की है। मोदी ने अपनी पत्नी से गुप्त मुलाकात कर उनसे सुलह कर ली है। दोनों के बीच यह मुलाकात मुख्यमंत्री निवास में आधी रात को हुई। लेकिन पार्टी और सरकार इस मुलाकात को लेकर औपचारिक चुप्पी साधे हुए हैं। गुजरात सरकार से जुड़े सूत्रों ने इस खबर की पुष्टि की है।
नरेंद्र मोदी ने की अपनी पत्नी से सुलह!
खबरों के मुताबिक मोदी के साथ उनकी पत्नी जशोदा बेन अब मुख्यमंत्री निवास में ही रहेंगी। मोदी ने अपनी मां से भी साथ रहने के लिए आग्रह किया है। इस घटनाक्रम को मोदी की बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह और रेणुका चौधरी इस मुद्दे पर गुजरात के मुख्यमंत्री की खिंचाई कर चुके हैं। दिग्विजय सिंह ने पिछले साल नवंबर में कहा था, 'दूसरे की पत्नियों पर अपमानजनक टिप्पणियां करने वाले नरेंद्र मोदी अपनी पत्नी के बारे में क्यों चुप हैं? यू-ट्यूब पर नरेंद्र मोदी की पत्नी का नाम और शादी के साक्ष्य मौजूद हैं।' लेकिन दिग्विजय ने मोदी से सवाल किया था कि सभी सांसदों और विधायकों को चुने जाने के बाद अपनी शादीशुदा होने या कुंवारे होने के बारे में बताना होता है, लेकिन मोदी के मामले में मेरिटल स्टेटस का कॉलम आज तक ब्लैंक है। आखिर क्यों? उन्होंने कहा था कि पत्नी हमेशा से अनमोल होती है और उसका प्यार भी। लेकिन यह वही जान सकता है जिसने कभी किसी से प्यार किया हो। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने कहा था, 'मोदी महिला विरोधी हैं। उन्होंने अपनी पत्नी की ही गरिमा नहीं रखी औरों की क्या बात की जाए।'

लेकिन मोदी ने अपनी पत्नी जशोदा बेन से सुलह कर इस मामले में लंबे समय से चल रहे विवाद को खत्म कर दिया है। बताया जाता है कि नरेंद्र मोदी की शादी जशोदा बेन से 1968 में हुई थी। जशोदा बेन के बारे में बताया जाता है कि वह एक टीचर हैं और गुजरात के एक गांव में अकेली रहती हैं। मोदी ने आधिकारिक तौर पर इस बारे में कभी कुछ भी नहीं कहा है। गुजरात विधानसभा चुनावों के दौरान विरोधियों की तरफ से यह बात बार-बार उठाई गई थी, लेकिन मोदी इसका न तो खंडन करते हैं और न पुष्टि। मीडिया में इस बारे में छपी रिपोर्ट पर भी मोदी ने कभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी।

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