रविवार, 30 दिसंबर 2012

शीतलहर से ठहरा जनजीवन

शीतलहर से ठहरा जनजीवन

बाड़मेर। बाड़मेर जिले में रविवार इस वर्ष का सबसे सर्द दिन रहा। तापमापी मे पारा गिरकर 5.9 डिग्री आ गया। कड़ाके की सर्दी और तेज हवाओं से समूचे जन जीवन में कंपकंपी छूट गई। थार में सर्दी का अहसास चौबीस घंटे पहले शुरू हो गया था। शुक्रवार शाम से सर्दी अपनी रंगत दिखाने लगी और रात होते-होते तेज हवाएं चलने लगी। रविवार अलसुबह जिले पर धुंध की चादर बिछ गई। सामान्य दिनों की अपेक्षा सुबह देरी से लोगों की दिनचर्या शुरू हुई। सड़कों पर भी आम दिनों की अपेक्षा चहल पहल कम दिखाई दी। जिले की सड़कों पर सुबह एवं शाम को यातायात कम रहा। शाम होते-होते सड़कों पर सन्नाटा सा छा गया। बाजार में व्यवसायिक प्रतिष्ठान भी जल्दी बंद हो गए।

बालोतरा . कड़ाके की शीतलहर के कारण रविवार को जनजीवन बुरी तरह से बेहाल नजर आया। ठण्डी हवाएं तीर की मानिंद चुभती रही। ठिठुरन से बचने के लिए लोग जगह-जगह अलाव तापते नजर आए। सूरज की तपिश भी शीतलहर से राहत नहीं दे पाई। ऎसे में लोगों को दिनभर गर्म कपड़े पहनकर रखने पड़े। रविवार को बिस्तर से बाहर झांकते ही मौसम का मिजाज बिगड़ा नजर आया। शीतलहर के कारण अधिकांश लोग दिन चढ़ने तक घरों से बाहर भी नहीं निकल पाए। सुबह 11 बजे तक सड़को से रौनक गायब नजर आई। बाद में धीरे-धीरे चहल पहल बढ़ी। लेकिन शाम ढलने से पहले सड़कों व बाजार में फिर खामोशी छाने लगी। रात के समय व्यस्त सड़कों पर भी आवाजाही में बिल्कुल कमी रही। जगह-जगह लोग अलाव तापते देखे गए।

सेड़वा. सर्द हवा चलने से क्षेत्र में ग्रामीण जगह जगह पर दिन में भी अलाव तापते नजर आए। ठण्ड से रबी की फसल जीरे व इसबगोल में तो फायदा हुआ मगर अरण्डी की फसल पर पाले का असर पड़ा। सदराम की बेरी गांव में पाले से कई जगह अरण्डी की फसल जल गई। भारतीय किसान संघ के तहसील अध्यक्ष खेताराम शर्मा ने बताया कि खेतों में पाला पड़ने से अरण्डी की फसल पर प्रभाव पड़ा है।

चौहटन. समूचा उपखण्ड क्षेत्र पिछले दो दिन से शीत लहर की चपेट में है। ठंडी हवाओं के दौर ने समूचे क्षेत्र में कंपकंपी ला दी है। तेज ठंड के कारण शाम ढलते ही सड़के सूनी होने लगी है। समूचे पश्चिमी मरूप्रदेश में शुक्रवार अलसुबह से तेज ठंडी हवाओं का दौर शुरू हुआ, जो आज भी जारी रहा। पिछले दो दिनों से जारी इस शीतलहर ने समूचे क्षेत्र को कंपकंपा दिया है। तेज ठंड के कारण जहां एक ओर किसानों में खुशी व्याप्त है, वहीं दूसरी ओर सर्दी, जुकाम और मौसमी बुखार का दौर भी शुरू हो गया है।

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