शनिवार, 29 सितंबर 2012

मैं जन्म से अनुशासित कार्यकर्ता-वसुंधरा

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नई दिल्ली। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे ने शक्रवार को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति में भाग लेने के बाद लेखा विहार स्थित अपने आवास पर भाजपा व राजस्थान में उनकी भूमिका पर विशेष बातचीत की।

पेश हैं, बातचीत के प्रमुख अंश-
सवाल: राष्ट्रीय कार्यसमिति में दो दिन नहीं आने पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में काफी चर्चा रही कि आपकी कुछ शर्ते हैं, जिन्हें पूरा करवाने के लिए आपने ऎसा किया?
जवाब: मैं आज से नहीं बल्कि जन्म से पार्टी की अनुशासित कार्यकर्ता हूं। मैं कभी भी इस तरह की शर्तो में विश्वास नहीं करती। मुझे शर्ते रखते किसने सुना या देखा..., जो लोग बातें बना रहे हैं। मेरा एक ही लक्ष्य है कि भाजपा का झंडा हमेशा बुलंद रहे। इसके लिए मैं अंतिम सांस तक काम करती रहंूगी।
सवाल: गुजरात में दो-तीन महीने बाद चुनाव हैं। क्या आप वहां प्रचार के लिए जाएंगी?
जवाब: क्यों नहीं। जरूर जाऊंगी। पार्टी की ओर से जो भी कार्यक्रम दिया जाएगा, उसकी पालना की जाएगी।
सवाल: 20 अक्टूबर से राजस्थान विधानसभा का सत्र प्रस्तावित है, आपकी क्या तैयारी है?
जवाब: जयपुर में आई बाढ़ और उसमें सरकारी स्तर पर रही लापरवाही सहित महंगाई, भ्रष्टाचार, पानी-बिजली व जनता से जुड़े तमाम मुद्दों को हमेशा की तरह दमदारी से उठाएंगे और सरकार से जवाब मांगेंगे। जनता ही मेरी मूल ताकत है। जो कुछ हूं वो जनता के कारण हूं। जनता का कर्ज चुकाने के लिए सर्वस्व त्याग करने को तैयार हूं।
सवाल: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अक्सर आरोप लगाते हैं कि आप ज्यादातर राज्य से बाहर ही रहती हैं?
जवाब: जब मैं मुख्यमंत्री थी तब भी वे अपना सारा काम भूलकर मेरे बारे में ही बातें किया करते थे। अब वे सीएम हैं फिर भी मुझे ही याद करते रहते हैं। जनता ने उन्हें सीएम और विपक्ष दोनों की जिम्मेदारी देकर देख ली, लेकिन वे जनता का काम छोड़कर मेरे बारे में ही कहते रहते हैं। मैं जब सीएम थी तो 24 घंटे काम करती थी, आज विपक्ष में हूं, तो हर सत्र में विधानसभा में मौजूद रही हूं। लेकिन जब वे विपक्ष में थे तो खुद कितने दिन सदन में आए यह भी जनता को बताना चाहिए। हाल ही में जब जनता भारी बारिश में पानी से घिरी थी तो मुख्यमंत्री ने मौके पर जाने की जहमत तक नहीं उठाई और अपनी नेता सोनिया गांधी के दौरे के लिए पूरा प्रशासन वहां झोक दिया। जनता हर बात का जवाब मांगेगी।
सवाल: पिछले तीन वर्षो में राजस्थान की विकास दर काफी कम रही है। वित्तीय वर्ष2011-12 की विकास दर मात्र 5.4 प्रतिशत रही है। आपका क्या कहना है?
जवाब: बहुत दु:ख है इस बात के लिए। 2003 में जब हमने सत्ता संभाली थी, तो राजस्थान बीमारू राज्य की श्रेणी में आता था। भाजपा सरकार ने अथक प्रयास कर राजस्थान को पिछड़ेपन के गड्ढे से निकाला था, लेकिन इस सरकार ने फिर से राज्य को गर्त में पहुंचा दिया है, जिसका अंदाजा इस विकास दर से लग रहा है।

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