शनिवार, 30 जून 2012

दहेज़ में मांगा राजस्थानी भाषा के लिए ससुराल पक्ष से समर्थन

दहेज़ में मांगा राजस्थानी भाषा के लिए ससुराल पक्ष से समर्थन




बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले में राजस्थानी भाषा आन्दोलन से जुड़े युवा दुल्हे ने दहेज़ में अपने ससुराल पक्ष से राजस्थानी भाषा के लिए समर्थन मांग अनुकरणीय उदाहरण पेश किया .अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा संघर्ष समिति के जोधपुर संभाग के उप पाटवी और जैसलमेर बाड़मेर के प्रभारी चन्दन सिंह भाटी ने बताया की बाड़मेर जिले के राजस्थानी भाषा मोटियार परिषद् के जिला पाटवी रघुवीर सिंह सोढा का विवाह उनतीस जून को संपन हुआ .उनकी बारात सरहदी तामलोर गाँव से पाक सीमा से सटे सुन्दरा गाँव गयी .सोढा ने ससुराल पंहुंच दहेज़ के बदले राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए ससुराल पक्ष और भाई गिनायातो से समर्थन मांगा .सोढा की इस नेक पेश कास को देख ससुराल पक्ष ने तुरंत अपने समस्त रिश्तेदारों से राष्ट्रपति ,प्रधान मंत्री के नाम राजस्थानी भाषा को मान्यता देने के लिए पोस्त्चार्द लिखे .दुल्हे रघुवीर सिंह ने बताया की राजस्थानी भाषा जन जन में बसी हें ,राजस्थानी भाषा के बिना राजस्थानी गुणगा हें ,अब उसे संवेधानिक राजस्थानी जुबान की सख्त जरूरत हें ,ऐसे में उनका मकसद था की सरहद तक के लोग राजस्थानी भाषा के समर्थन में आगे आये .इस अवसर से बेहतर मौका उन्हें मिल नहीं सकता था .सरहद के अंतिम गाँवो तक राजस्थानी भाषा के आन्दोलन की जड़े ज़माने में उन्हें इस कदम से मदद मिलेगी .सोढा की इस मांग के बाद सुन्दरा गाँव से शनिवार को पांच सौ पोस्टकार्ड राजस्थानी को संवेधानिक मान्यता दिलाने के समर्थन में लिखे गए .बाड़मेर में राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए गत एक साल से चलाये जा रहे आन्दोलन में रघुवीर सिंह ने अहम् भूमिका निभाई हें

1 टिप्पणी:

  1. wah!
    raghuveer singh aapne bahut hi nek kaam kiya hai,,,
    aap jaisa sacha saput har maa baap ke ghar janam le or is dahej ki reeti ko jad se khatam kar de,,,,
    WAH! THAR KE LAL WAH!!

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