शनिवार, 21 अप्रैल 2012

विस अध्यक्ष, मुख्यमंत्री से लेकर नेता प्रतिपक्ष तक सबकी बल्ले-बल्ले!

 

जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में बजट पारित होने से पहले कई घोषणाएं की। विधायकों को अपने इलाके में विकास कराने के लिए अब एक करोड़ के बजाय दो करोड़ रुपए सालाना मिलेंगे। विधायकों को अब हर महीने दस दिन अपने इलाके में वाहन सुविधा के लिए 10 हजार के बजाय 20 हजार रुपए मिलेंगे। इन दोनों घोषणाओं पर प्रतिपक्ष ने भी जमकर मेजें थपथपाईं। प्रदेश में सभी तरह के यार्न को प्रवेश कर से मुक्त कर दिया गया है। जयपुर में डा. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय खोला जाएगा।

अब प्रदेश के सभी प्राइवेट और सरकारी लॉ कॉलेज इस विवि के अधीन होंगे। इसके लिए 10 करोड़ रु. दिए गए हैं। एएनएम को 400 रु. और जीएनएम को 600 रु. की दर से प्रति माह भत्ता मिलेगा।

एससी, एसटी छात्रों को छात्रवृत्ति

>अल्पसंख्यकों से जुड़ी योजनाओं और कार्यक्रमों की मॉनिटरिंग के लिए संभागीय आयुक्त कार्यालयों में उप निदेशक स्तर के अधिकारी लगाए जाएंगे।इस साल 1500 अल्पसंख्यक छात्रों को मेरिट कम मींस स्कॉलरशिप दी जाएगी।

>अजा-जजा के छात्रों को छठी से आठवीं तक 50 रुपए और छात्राओं को 100 रुपए प्रति माह स्कॉलरशिप मिलेगी। इसका फायदा 9 लाख छात्र-छात्राओं को मिलेगा।

अन्य अहम घोषणाएं

>आंतरिक सुरक्षा के लिए जयपुर में इंटेलीजेंस ट्रेनिंग एकेडमी। इसके लिए इंस्पेक्टर स्तर का अलग कैडर बनेगा।

>एसएस शीट्स और सर्किल बनाने वाले निर्माताओं की ओर से खरीदे जाने वाले एसएस फ्लैट्स पर कर दर को पांच प्रतिशत से एक प्रतिशत कर दिया गया है।

जयपुर में साइबर पुलिस स्टेशन

जयपुर में एसपी स्तर के अधिकारी के अधीन साइबर स्टेशन खुलेगा।

-नागरिक सुरक्षा और गृह रक्षा विभाग अब निजी सुरक्षा एजेंसियों के गार्डो को प्रशिक्षित करेंगे, प्रमाणपत्र देंगे।

-लोकसेवकों, समाजसेवकों और खिलाड़ियों को भी राजस्थान रत्न अवार्ड मिलेगा।

-स्वास्थ्य विज्ञान विवि को अध्यापन के लिए सभी मेडिकल कॉलेजों से कंप्यूटर और विडियो नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।

-आयकर नहीं देने वाले परिवारों के सदस्य कृत्रिम अंग और उपकरण लगवाने की सुविधा मिलेगी।

-असंगठित श्रमिकों के लिए अब तक सिर्फ सात संभागीय मुख्यालयों में लागू राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना अब सभी जिलों में लागू होगी।

-1265 मानव रहित रेल्वे क्रॉसिंग्स पर रेलवे आरयूबी बनाएगा, सरकार इनके लिए संपर्क सड़कें बनाएगी।

-भोपा, बागरिया, बंजारा, गाड़िया लुहार, कंजर, सांसी, नट, मेव-मिरासी, जागा, जोगी, वाल्मीकि, रेबारी आदि जातियों को मुख्यमंत्री बीपीएल जीवन रक्षा कोष का फायदा मिलेगा।

7 नई तहसीलें, 4 उप तहसीलें

>ये नई तहसीलें : कनवास (कोटा), गलियाकोट और साबला (डूंगरपुर), फूलियाकलां और हमीरगढ़ (भीलवाड़ा), सिणधरी और सेड़वा (बाड़मेर)। >उप तहसीलें : बाड़मेर में समदड़ी, दौसा में मंडावर, अजमेर में अराई, भीलवाड़ा में काछौला ।

>डीग-भरतपुर और भादरा-हनुमानगढ़ में भी एडिशनल एसपी ऑफिस खुलेंगे।

>सर्किल ऑफिस : मंडोर, बोरानाड़ा, गुढ़ामालानी, सरदारशहर, डेगाना, बागीदौरा, मनोहर थाना।

>पुलिस थाने : मतोड़ा, बनाड़, बोरानाड़ा, कुड़ी भगतासनी, कांकरोली, निंबाहेड़ा सदर, खो नागोरियान, अमरसर, भांकरोटा, सेज औद्योगिक क्षेत्र जयपुर, करवर, मंडलेरा, रामसागड़ा, नाल, कालू, नीम का थाना सदर, उद्योगनगर (सीकर), सेमारी (उदयपुर), तलवाड़ा (हनुमानगढ़)।

मंत्री-विधायकों के वेतन-भत्ते बढ़ाए

राज्य विधानसभा में शुक्रवार को मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों के वेतन भत्तों से जुड़े दो अलग अलग विधेयक बिना बहस दो मिनट में पारित कर दिए गए। माकपा के तीनों विधायकों ने इसका विरोध किया और सदन से बहिर्गमन किया। राज्य सरकार ने वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी के लिए अपने खजाने को खोलते हुए मंत्रियों के साथ विधानसभा के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, सरकारी मुख्य सचेतक, सरकारी उपमुख्य सचेतक और पूर्व विधायकों के वेतन भत्तों में बढ़ोतरी की है। यह 1 अप्रैल, 2012 से लागू होगी। इससे पहले 2010 में वेतन भत्ते बढ़ाए गए थे।

इस विधेयक के अनुसार अब एक विधायक को वेतन, भत्ते, पेट्रोल खर्च और मकान किराया जोड़ने पर 82,500 रुपए मिलेंगे। इससे पहले विधायकों को 54,000 रुपए मिलते थे। इस प्रकार सीधे तौर पर 28,500 रुपए का फायदा होगा। रेल यात्रा की खर्च सीमा भी एक लाख से बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपए कर दी गई है। इसके साथ ही बैठक में शामिल होने का भत्ता 700 रुपए से बढ़ाकर 1,000 रुपए और राज्य के बाहर 800 रुपए से बढ़ाकर 1250 रुपए कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री के वेतन भत्तों को 50,000 रुपए से बढ़ाकर 70,000 रुपए कर दिए गए हैं। इसी प्रकार मंत्रियों के 42,000 रुपए से बढ़ाकर 60,000 रुपए, राज्य मंत्रियों के 40,000 रुपए से बढ़ाकर 57,000 रुपए कर दिए गए हैं। इसी प्रकार विधानसभा अध्यक्ष के वेतन भत्ते 43,000 रुपए से बढ़ाकर 63,000 रुपए, उपाध्यक्ष के 41,000 से बढ़ाकर 60,000 रुपए, नेता प्रतिपक्ष के 41,000 रुपए से बढ़ाकर 60,000 रुपए,कर दिए गए हैं।

ढाई साल में बढ़े :

इससे पहले मंत्रियों के वेतन भत्ते इससे पहले 1 अप्रैल, 2010 मैं बढ़ाए गए थे। वहीं, विधायकों के वेतन भत्तों में संशोधन कर बढ़ोतरी 1 अगस्त, 2009 में की गई थी।

विधानसभा अध्यक्ष का वेतन 33 हजार

मद पहले अब

विधानसभा अध्यक्ष

वेतन 23,000 33,000

सत्कार भत्ता 20,000 30,000

विधानसभा उपाध्यक्ष

वेतन 21,000 30,000

सत्कार भत्ता 20,000 30,000

नेता प्रतिपक्ष

वेतन 22,000 30,000

सत्कार भत्ता 20,000 30,000

सरकारी मुख्य सचेतक

वेतन 22,000 30,000

सत्कार भत्ता 20,000 30,000

सरकारी उपमुख्य सचेतक

वेतन 20,000 27,000

सत्कार भत्ता 20,000 30,000

विधायक

वेतन 10,000 15,000

निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 30,000 40,000

डीजल-पेट्रोल भत्ता 10,000 20,000

मकान किराया भत्ता 4,000 7,500

रेल यात्रा व्यय 1,00,000 1,50,000

फर्नीचर 50,000 80,000

बैठक भत्ता राज्य में 700 1,000

बैठक भत्ता राज्य के बाहर 800 1,250

सचिवालय सहायक भत्ता 20,000 20,000

पूर्व विधायकों

पेंशन 7,500 रुपए प्रतिमाह। एक हजार रुपए प्रति कार्यकाल के अनुसार अतिरिक्त।

मुख्यमंत्री

वेतन 25,000 35,000

सत्कार भत्ता 25,000 35,000

उप मुख्यमंत्री

वेतन 10,500

सत्कार भत्ता 6,000

मंत्री

वेतन 22,000 30,000

सत्कार भत्ता 20,000 30,000

राज्य मंत्री

वेतन 20,000 27,000

सत्कार भत्ता 20,000 30,000

उपमंत्री

वेतन 8250 24,000

सत्कार भत्ता 2500 20,000

संसदीय सचिव

वेतन 20,000 27,000

सत्कार भत्ता 20,000 30,000

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