शुक्रवार, 20 अप्रैल 2012

निर्मल बाबा के खिलाफ क्राइम ब्रांच करेगी जांच, फरारी के नए आरोप

नई दिल्‍ली. ‘कृपा’ के जरिये लोगों की मुसीबतें खत्‍म करने का दावा करने वाले निर्मलजीत सिंह नरूला उर्फ निर्मल बाबा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। निर्मल बाबा पर एक के बाद एक लग रहे आरोपों के बीच उन्‍हें कड़ी परीक्षा से भी गुजरना पड़ सकता है। पश्चिम बंगाल के तर्कशास्त्रियों ने निर्मल बाबा को चुनौती दी है कि यदि वाकई उनकी ‘कृपा’ में शक्ति है तो तीन मरीजों को ठीक करके दिखा दें। इनमें एक मरीज नेत्रहीन, दूसरा पैरों से लाचार जबकि तीसरा कैंसर से पीडित है।
 
फरारी का नया आरोप

निर्मल बाबा पर झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) का 65 हजार रुपये लेकर फरार होने का आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि यह कंपनी निर्मल जीत सिंह नरूला उर्फ निर्मल बाबा की ही थी। इस कंपनी ने ईस्‍ट सिंहभूम के बहरागोड़ा में कायनाइट पत्थर के खनन का काम लिया था। कंपनी को बहरागोड़ा में ज्योति पहाड़ से पत्थर के खनन का काम मिला था। कंपनी ने जेएसएमडीसी से 65 हजार का पत्थर खरीदा था लेकिन पैसे नहीं दिए। 1999 में कंपनी के लोग अचानक गायब हो गए। कंपनी ने अपना पता निरूला मिनरला, अरगोड़ा, रांची लिखा था। जेएसएमडीसी ने कई बार इस पते पर पत्र भेजा लेकिन गलत पता होने के कारण लेटर वापस आ जाता है। फाइलों की जांच हो रही है।

उधर, नागपुर में निर्मल बाबा के खिलाफ अंधविश्‍वास को बढ़ावा देने और ठगी के आरोप में चार शिकायतें दर्ज हुई हैं। इसके बाद पुलिस कमिश्‍नर ने क्राइम ब्रांच को इन शिकायतों की जांच के आदेश दिए हैं।

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