मंगलवार, 24 अप्रैल 2012

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प्रशासन ने रूकवाया बाल विवाह

जैसलमेर । जैसलमेर के थईयात गांव में प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद बाल विवाह नहीं करने के लिए संबंधित परिवार पर पाबंदी लगा दी गई। जांच मे कन्या के नाबालिग होने की पुष्टि होने पर प्रशासन ने संबंधित बालिका के परिजनो को आखातीज के दिन बाल विवाह नहीं करने के लिए हिदायत दी, वहीं कानून का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई। प्रशासन को थईयात गांव में बाल विवाह होने की शिकायत मिली थी। जिस पर तहसीलदार नाथूसिंह राठौड़, एसीएम नरेश बुनकर व महिला व बाल विकास विभाग के प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे।

तहसीलदार नाथूसिंह राठौड़ ने बताया कि गांव के निवासी एक व्यक्ति की पुत्री का अक्षय तृतीया के दिन विवाह किया जा रहा था। प्रशासन को यह शिकायत मिली थी कि वह नाबालिक है। इस पर प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची और बालिका के स्कूली दस्तावेज में लिखी जन्मतिथि की जानकारी हासिल की। तहसीलदार राठौड़ के अनुसार उसके स्कूली दस्तावेज में जन्म की तारीख 1 जनवरी 1995 लिखी गई है। इस तरह उसकी वर्तमान आयु 17 वर्ष है और उसके बालिग होने में अभी समय है।

इस दौरान लड़की के परिजनों को बाल विवाह नहीं करने की हिदायत दी गई और आरआई को वस्तु स्थिति पर नजर रखने के लिए कहा गया। इससे पूर्व थईयात गांव में प्रशासनिक टीम के पहंुचने पर एकबारगी हड़कंप मच गया। तहसीलदार राठौड़ ने बताया कि हिदायत के बाद भी यदि बाल विवाह का प्रयास किया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी।

भाटिया समाज एक इतिहास ' पुस्तक का विमोचन
 
जैसलमेर जैसलमेर भाटिया समाज की बगेची में रविवार शाम को भाटिया समाज एक इतिहास पुस्तक का विमोचन किया गया। भाटिया समाज के इतिहास पर लिखित इस पुस्तक विमोचन के अवसर पर विधायक छोटूसिंह भाटी, पूर्व विधायक गोवद्र्धन कल्ला, किशनलाल भाटी, दीनदयाल ओझा, बाबूलाल व्यास तथा श्यासुंदर भाटिया उपस्थित थे।स्व. विजयशंकर भाटिया द्वारा लिखित एवं परिकल्पित इस पुस्तक का विमोचन किया गया। इस अवसर पर कई इतिहासकार एवं शिक्षाविदें के साथ- साथ भाटिया समाज कार्यकारिणी के पदाधिकारी, समाज के गणमान्य नागरिक एवं लेखक के परिवार सदस्य उपस्थित थे। पुस्तक के विमोचन एवं प्रकाशन से पूर्व ही स्व. भाटिया के देहावसन के कारण इस पुस्तक को उनकी मित्र मंडली के विशेष सहयोग से पूर्ण कर प्रकाशित करवाया गया। इस अवसर पर स्व. भाटिया के पारिवारिक सदस्य अनिल भाटिया ने अपने अग्रज को श्रद्धांजलि देते हुए अपने बड़े भाई की कल्पना को साकार करने के लिए धन्यवाद दिया। इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों ने स्व. भाटिया की आत्मा की शांति के लिए श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर शिक्षाविद् नंदकिशोर शर्मा तथा मांगीलाल सेवक ने पुस्तक में दिए गए फोटोग्राफों एवं ऐतिहासिक तत्थ्यों को मील का पत्थर बताया।

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