गुरुवार, 26 अप्रैल 2012

गहलोत ने भंवरी की जान जाने तक का इतजार किया -- देथा

गहलोत ने भंवरी की जान जाने तक का इतजार किया  -- देथा 

बाड़मेर !अशोक गहलोत ने भंवरी के अपहरण से लगा कर उसकी जान जाने तक का इंतज़ार किया ताकि राजनीतिक शत्रुता निकाल सके और अपना वर्चस्व कायम रख पाए , ये कहना हैं जनता दल सेक्युलर के प्रदेशाध्यक्ष अर्जुन देथा का ! देथा बाड़मेर के डाक बंगले में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे ! देथा के अनुसार इस सरकार का कोई अजेंडा नहीं हैं जिसका खामियाजा सीधे तौर पर आम जन को उठाना पड़ रहा हैं उन्होंने इलज़ाम लगाया कि भाजपा और कांग्रेस दोनों एक ही विचारधारा और नीति को लेकर चलने वाले दल हैं ! पुलिस इंस्पेक्टर फूल चंद को जिन्दा जलाने वाले मामले में उन्होंने मुख्यमंत्री को आड़े हाथो लेते हुए कहा कि नैतिकता कि बातें करने वाले अशोक गहलोत को इस्तीफ़ा दे देना चाहिए था जब तत्कालीन गृह मंत्री शांति धारीवाल और पुलिस महानिदेशक हरीश मीणा को मरने वाले पुलिस अधिकारी ने पूर्व में पत्र लिख कर जान को खतरे की बात कह दी थी ! उन्होंने कहा कि गोपाल गढ़ मामले में पहले सी एम ने प्रशासन को निर्दोष बताया था और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष ने इस मामले में प्रशासन पर सवाल खड़े किये फिर बाद में गहलोत ने अपना बयान बदला और एसपी कलेक्टर के विरुद्ध कार्यवाही की ! गोपाल गद मामले में उन्होंने सवाल खड़े करते हुए कहा कि मस्जिद में अल्पसंख्यको का खून बहाने वालो में पुलिस और दंगाई दोनों साथ में फायर करने में लगे थे ऐसे में सरकार का नजर अन्दाजगी का रवैया क्यों रहा ?
उन्होने आगामी विधानसभा चुनावों में तीसरे मौर्चे के गठन के भी संकेत दे दिए और कहा कि देश में कांग्रेस को जनता ने नकार दिया और भाजपा स्वीकार नहीं हैं ऐसे में आम जन अब नीतिगत शासन चाहते हैं जो उनका गठबंधन देगा उन्होंने कहा कि शरद यादव के साथ उनकी पार्टी गठबंधन के लिए तैयार हैं ! उन्होंने कांग्रेस और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों पार्टिया कोर्पोरेट घरानों के जरिये संचालित हो रही हैं तथा देश विदेश के पूंजीवादी लोग इन पार्टियों को चला रहे हैं ! कांग्रेस पर निशाना साधते हुए देथा ने कहा कि उतरप्रदेश में पार्टी के सांसद बाईस हैं लेकिन विधायक मात्र अट्ठाईस आये हैं ऐसे में वो समझ जाए कि अब जनता उनके साथ नहीं रही ! उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों को किसानो का विरोधी बताया साथ ही साथ उन्होंने कहा कि तीसरा मौर्चा सम विचार , हम विचार , निकट विचार पर काम करेंगे !

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