गुरुवार, 12 अप्रैल 2012

कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रावताराम का पुत्र अपने दो साथियों के साथ अवैध बंदूक व हथकढ़ी शराब सहित पकड़ा गया


अवैध बंदूक के साथ दो गिरफ्तार

शिकार की नीयत से नहरी क्षेत्र में दो अन्य के साथ घूम रहा था
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 रामगढ़  कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रावताराम का पुत्र अपने दो साथियों के साथ अवैध बंदूक व हथकढ़ी शराब सहित पकड़ा गया। नहरी क्षेत्र में शिकार करने की नीयत से घूम रहे तीनों आरोपियों को पुलिस ने मुखबिर की सूचना के आधार पर पकड़ा। पुलिस ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार मंगलवार की रात्रि में सूचना मिलने पर थानाधिकारी सत्यदेव आडा ने मुख्य नहर से निकली सादा वितरिका के पास दबिश देकर बीरमराम पुत्र रावताराम व जोगाराम पुत्र बागाराम भील निवासी लाणेला के कब्जे से अवैध टोपीदार बंदूक बरामद की। वहीं उनके साथ रमेश उर्फ रामसिंह पुत्र इंद्रसिंह निवासी लाणेला के कब्जे से 5 लीटर हथकढ़ी शराब बरामद की। पुलिस ने तीनों ही आरोपियों को गिरफ्तार कर आबकारीअधिनियम व आम्र्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।




नवजात बेटी की हत्या के आरोपी पिता को जमानत नहीं



जोधपुर
जैसलमेर में बेटी को पैदा होते ही मार कर दफनाने के आरोपी एक पिता को राजस्थान हाईकोर्ट ने जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया। न्यायाधीश संदीप मेहता ने आरोपी देवड़ा गांव निवासी ठेकेदार बन्नेसिंह के मामले में यह आदेश दिया।

मामले के अनुसार पिछले वर्ष एक अप्रैल को पुलिस थाना जैसलमेर में तहसीलदार ने फोन पर थानाधिकारी को घटना की जानकारी दी। तहसीलदार के अनुसार जिला कलेक्ट्रेट जैसलमेर के पास एक अज्ञात व्यक्ति ने फोन कर बताया कि देवड़ा गांव निवासी बन्नेसिंह के यहां लड़की पैदा हुई जिसकी दूसरे ही दिन संदेहास्पद परिस्थितियों में मृत्यु हो गई व उसे दफना दिया गया। पुलिस जांच में सामने आया कि जैसलमेर के जवाहिर चिकित्सालय बन्नेसिंह की पत्नी गुलाब कंवर ने 30 मार्च 2011 को लड़की को जन्म दिया था।

अस्पताल के डॉ. नरेन्द्र सोलंकी व नर्स चांदनी के बयान में सामने आया कि गुलाब कंवर को 30 मार्च को रात 9 बजे भर्ती किया गया और रात 10.15 बजे सामान्य प्रसव से बच्ची का जन्म हुआ। अगले दिन बन्नेसिंह अस्पताल आया और उसने जच्चा व बच्चा को तुरंत छुट्टी देने का कहा। उसने कहा कि उसे जननी सुरक्षा के तहत दिया जाने वाला अनुदान भी नहीं चाहिए व सभी तरह के भले-बुरे की जिम्मेदारी उसकी होगी। इस पर स्टाफ ने टिकट पर हस्ताक्षर करवा कर छुट्टी दे दी। उसी दिन गांव जाने पर बच्ची की मृत्यु हो गई व उसे दफना दिया गया।

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