मंगलवार, 24 अप्रैल 2012

विश्व धरोहर में शामिल होगी ओरण!

विश्व धरोहर में शामिल होगी ओरण!

बाड़मेर। राजस्थान बायोलोजिकल डाईवर्सिटी एक्ट 2010 के तहत जोधपुर संभाग की सात ओरणों को ऎतिहासिक धरोहरों में शामिल करने की कवायद शुरू की गई है। सरकारी स्तर पर यह पहल सार्थक हुई तो रेगिस्तान इलाके की ढोक सहित कुछ ओरणे यूनेस्को की विश्व धरोहरों की सूची में शामिल हो सकेगी।

गौरतलब है कि राजस्थान सरकार ने हाल ही में बहुजैव विविधता के संरक्षण के लिए राजस्थान बायोलोजिकल डाईवर्सिटी एक्ट 2010 लागू किया है। इसी एक्ट के तहत बाड़मेर के सामाजिक कार्यकत्ताü भुवनेश जैन ने रेगिस्तान के समृद्ध लोक विज्ञान की परिचायक ओरणों के संरक्षण की महत्ती दरकार बताते हुए मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है। ज्ञापन में जैन ने जोधपुर संभाग की सात ओरणों को हेरिटेज साइट घोषित करने की बात कही है।

सामाजिक कार्यकर्ता भुवेनश जैन ने यह पहल रेगिस्तान के उस नखलिस्तान को सहेजने की कवायद है, जिस पर कभी थार का मवेशी, जीव जंतु और मानव जीवन पलता था। जैन के मुताबिक मीलों तक फैले रेगिस्तान और धूलभरी आंधियों के बीच अकाल जैसी विकट परिस्थितियों में भी ओरण ने रेगिस्तान के पशु पक्षियों, यहां तक की मानव जीवन को राहत प्रदान की है। गुजरते समय और आधुनिकता की आंधी में कभी रेगिस्तानी जीवन की महत्वपूर्ण धुरी माने जाने वाले ओरणे धीरे धीरे खत्म हो रही है। ऎसे में राजस्थान बायोलोजिकल डाईवर्सिटी एक्ट 2010 इस दिशा में राजस्थान सरकार की बड़ी पहल है।

यह है बड़ी ओरण
जैसलमेर जिले के पोकरण क्षेत्र के ऎटा गांव की नागणेचिया, रामदेवरा की बाबा रामदेव, फतेहगढ़ के सांवता गांव की देगराय और बाड़मेर जिले के चौहटन क्षेत्र के ढोक की वीरातरा माता, शिव क्षेत्र के झणकली और मूंगेरिया गांव की नागणेची और जोधपुर जिले के ओसिया क्षेत्र के जाखण गांव की ओरणे जोधपुर संभाग की सात सबसे बड़ी और प्रमुख ओरणे है। जैन के मुताबिक 17947 हेक्टेयर में फैली चौहटन क्षेत्र के ढोक की वीरातरा माता ओरण सबसे बड़ी है।

बहुजैव विविधता पूर्ण क्षेत्र
जोधपुर संभाग के 1759 गांवों में ओरण है, जिसका कुल क्ष्ेात्रफल 134749.95 हेक्टेयर है। ओरण, एक बहुजैव विविधता पूर्ण क्षेत्र है, जिस पर मवेशी, वन्य जीव जंतु और इंसान पलते रहे है। वर्तमान ओरण में अनेक घास, जड़ी बूटियां, पेड़ झाडिया, विलुप्ति के कगार पर है।

पहल करें सरकार
राजस्थान सरकार की पहल पर सीमावर्ती बाड़मेर जिले के चौहटन पंचायत समित क्षेत्र की ढोक जैसी ओरणों को भविष्य में युनेस्को की विश्व धरोहर सूची मे शामिल करवाया जा सकता है।
भुवनेश जैन सामाजिक कार्यकर्ता

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