शनिवार, 28 अप्रैल 2012

सड़क पर दिया पुत्र को जन्म


सड़क पर दिया पुत्र को जन्म

जिला मुख्यालय स्थित राजकीय अस्पताल के बाहर मुख्य सड़क पर प्रसूता ने बच्चे को दिया जन्म



जालोर



जिला मुख्यालय स्थित राजकीय अस्पताल के बाहर शुक्रवार दोपहर में सड़क पर ही एक प्रसूता ने बच्चे को जन्म दिया। परिजनों के अनुसार अस्पताल के अंदर पहुंचने से पहले ही प्रसव हो गया। खास बात यह है कि करीब आधे घंटे तक अस्पताल के बाहर प्रसूता दर्द से तड़पती रही लेकिन अंदर से किसी भी चिकित्साकर्मी ने मदद करने की जहमत नहीं उठाई। शाम को जब मीडिया ने पीएमओ से इस बारे में जानकारी मांगी तो पहले तो उन्होंने कोई भी जानकारी होने से इंकार कर दिया, लेकिन थोड़ी देर बाद बताया कि यह मामला हुआ था और इस दौरान अस्पताल में मौजूद स्टाफ ने परिजनों से प्रसूता को अस्पताल में भर्ती करने की बात कही। साथ ही इससे जच्चा-बच्चा को मिलने वाले फायदे के बारे में भी बताया, लेकिन परिजनों ने ही खुद इससे इनकार कर दिया। शेषत्नपेज १५



ऐसे में सवाल उठता है कि जब जिला अस्पताल की देहरी पर इस प्रकार की घटनाएं होती हैं तो ग्रामीण क्षेत्रों में जननी सुरक्षा जैसी योजनाओं का क्या हाल होता होगा

जानकारी के अनुसार धवला रोड स्थित माल नाथ की ढाणी निवासी प्रसूता दरकी पत्नी लवानाथ को दोपहर दो बजे के करीब प्रसव पीड़ा हुई। इस दौरान परिजन उसे वाहन में जिला अस्पताल लेकर आए। यहां उन्हें पता लगा कि स्त्री रोग विशेषज्ञ अंदर नहीं है तो वे बाहर से वापस जाने लगे, लेकिन इसी दौरान प्रसव पीड़ा तेज हो गई। परिजन उसे अस्पताल के अंदर ले जाते इससे पहले ही बीच सड़क पर प्रसूता ने बच्चे को जन्म दे दिया। प्रत्यक्षदर्शियों ने भी प्रसव के बाद परिजनों से प्रसूता को अस्पताल ले जाने के बारे में कहा, लेकिन वे नहीं माने और प्रसूता को पुन: वाहन में घर ले गए।

बीस साल बाद मिली खुशी

जिला अस्पताल के बाहर प्रसव के बाद जच्चा बच्चा के परिजनों में खुशी छा गई। परिजनों का कहना था कि दरकी को करीब बीस साल बाद बेटा हुआ है। जिससे पूरी ढाणी में खुशी छा गई है। ऐसे में खुशी के मारे परिजन उसे अस्पताल में ले जाने के बजाय फिर से घर ले गए।

अस्पताल आए थे

॥भ्मेरे चचेरे भाई की पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर हम उसे जिला अस्पताल लेकर आए थे। यहां हमें जानकारी मिली कि डॉ. शांतिलाल माथुर अस्पताल में नहीं है। इसलिए हम उसे डॉ. के घर ले जाने लगे, लेकिन अस्पताल के बाहर ही सड़क पर बच्चे का जन्म हो गया। इसके बाद हम लोग उसे फिर से घर ले गए। - मालनाथ, परिजन, मालनाथ की ढाणी, जालोर

परिजनों की गलती है

॥अस्पताल के बाहर मुख्य सड़क पर डिलेवरी होने के बाद चिकित्साकर्मियों को इसकी जानकारी मिली। इसके बाद उन्होंने प्रसूता को अस्पताल में भर्ती करने के बारे में भी कहा, लेकिन परिजन नहीं माने। जिला अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शांतिलाल माथुर की नियुक्ति हो रखी है जो शुक्रवार को बागरा में शिविर में थे। वैसे अगर प्रसूता अस्पताल में आती तो अस्पताल में डॉ. माथुर के अलावा अन्य तीन डॉक्टर और हैं, जिन्हें इमर्जेंसी कॉल पर बुलाया जाता। इसमें परिजनों की ही गलती है। उन्हें प्रसूता को अस्पताल में भर्ती करवाना चाहिए था। - डॉ. पी.आर. चुंडावत, पीएमओ, राजकीय अस्पताल, जालोर

जालोर. जिला अस्पताल के बाहर सड़क पर प्रसव करवाती महिलाएं।

जालोर. प्रसव के बाद महिलाओं की गोद में नवजात।









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