मंगलवार, 17 अप्रैल 2012

मंत्री को गाली प्रकरण में हंगामा, सदन एक घंटे के लिए फिर स्थगित

 

जयपुर। मंत्री को गालियां देने के मामले ने राज्य विधानसभा में मंगलवार को तूल पकड़ लिया और इसे लेकर जोरदार हंगामा हुआ। चिकित्सा राज्य मंत्री राजकुमार शर्मा और राजेंद्र सिंह गुढ़ा वेल में आ गए। उन्होंने घटना के लिए मुख्य सचेतक रघु शर्मा को जिम्मेदार बताया। भाजपा के सभी सदस्यों ने वेल में आकर प्रदर्शन और नारेबाजी की। चार मिनट तक चले हंगामे के कारण प्रश्नकाल नहीं हो सका। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। फिर कार्यवाही दुबारा शुरू होते ही 35 सेकंड में ही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी गई।


विधानसभा उपाध्यक्ष के सदन में आकर प्रश्नकाल पुकारते ही भाजपा के उपनेता घनश्याम तिवाड़ी ने खड़े होकर कहा कि प्रश्नकाल स्थगित कर पहले सोमवार की रात हुई घटना के फुटेज देखे जाएं और उसके आधार पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार का गरिमा विहीन व्यवहार हुआ है और उस पर एक अखबार ने हमें शिशुपाल लिखा है, उससे हम दुखी हैं।


तिवाड़ी अपनी बात पूरी ही नहीं कर पाए थे कि आयोजना (श्रम शक्ति) राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने खड़े होकर कहा कि कल रात की घटना के लिए मुख्य सचेतक रघु शर्मा जिम्मेदार हैं। इतना कहने के साथ ही वे अपनी सीट से उठकर वेल में आ गए।


उनके साथ ही चिकित्सा राज्य मंत्री राजकुमार शर्मा भी वेल में आ गए। उनको वापस लाने के लिए पीडब्ल्यूडी राज्य मंत्री मुरारीलाल मीणा, संसदीय सचिव रामकेश मीणा, रमेश मीणा और गिर्राज सिंह मलिंगा भी वेल में आ गए। इस बीच संसदीय मंत्री शांति धारीवाल और पर्यटन मंत्री बीना काक सहित अन्य मंत्रियों और वरिष्ठ विधायकों ने उन्हें समझाकर सीट पर जाने का आग्रह किया। उनके नहीं मानने पर भाजपा के सदस्य भी वेल में आ गए। उपाध्यक्ष ने 11:04 पर सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।


उल्लेखनीय है सोमवार को रात नौ बजे के आसपास चिकित्सा-स्वास्थ्य एवं सफाई की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान भाजपा से निलंबित विधायक हनुमान बेनीवाल अपनी बात कह रहे थे। उस समय उनकी चिकित्सा राज्य मंत्री राजकुमार शर्मा से कहासुनी हो गई। बात बढऩे पर हनुमान बेनीवाल ने गालियां बोलना शुरू कर दिया।


इस पर उत्तेजित होकर राजकुमार शर्मा हनुमान बेनीवाल की ओर बढ़े तो कुछ सदस्यों ने बीच बचाव कर दोनों को रोका। बाद में आसन पर बैठे सभापति सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने अपशब्दों को कार्यवाही से निकाल दिया। इस घटना के बाद भाजपा की ओर से आपत्ति दर्ज कराने के बाद भी रात में कोई कार्रवाई नहीं की गई, बल्कि मुख्य सचेतक ने तो कार्यवाही जारी रखने पर जोर दिया।

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