शुक्रवार, 20 अप्रैल 2012


जलदायकर्मियों ने एसडीएम पर लगाए मारपीट के आरोप


विरोध प्रदर्शन किया, शहर में जलापूर्ति बंद करने की चेतावनी दी   loading...

जैसलमेर जलदायकर्मी के साथ बुधवार शाम कथित तौर एसडीएम के मारपीट करने व मोबाइल छीनने का मामले ने गुरुवार को तूल पकड़ लिया। मामले को लेकर जलदाय विभाग के कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने एसडीएम को पाबंद करने के साथ ही कार्रवाई की मांग की।जलदायकर्मियों के ज्ञापन के अनुसार अनुसार बुधवार शाम छह बजे दर्जी पाड़ा की सप्लाई शुरू की गई। कम दबाव व गंदे पानी की शिकायत मिलने पर कनिष्ठ अभियंता नरेन्द्रसिंह भाटी व वॉल्वमैन गोविंदा राम गर्ग मौके पर जांच करने गए। करीब 7 बजे उपखंड अधिकारी जैन्य भी मौके पर पहुंच गए। इसी बीच उन्होंने वॉल्वमैन गोविंदा राम के सिर पर ठोला मारा एवं गाली गलौच करते हुए कनिष्ठ अभियंता व वॉल्वमैन के मोबाइल छीन लिए। दूसरी तरफ उपखंड अधिकारी का कहना है कि उन्होंने जलदायकर्मी के हाथ से सिर्फ मोबाइल फोन लिया था।

नारेबाजी की, ज्ञापन सौंपा

गुरुवार सुबह राजस्थान जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, तकनीकी कर्मचारी संघ के बैनर तले जलदायकर्मी विरोध में उतर आए। जलदायकर्मी एकत्र होकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और एसडीएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान कर्मचारियों का एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर से मिला और घटनाक्रम की जानकारी दी। कलेक्टर एम.पी. स्वामी ने मामले की जांच करवाने का आश्वासन दिया। संघ के अलावा स्थानीय जलदाय विभाग के कर्मचारियों ने भी कलेक्टर को अलग-अलग ज्ञापन दिया। इस दौरान संघ के अध्यक्ष आलोक व्यास, महामंत्री अर्जुनसिंह चौहान, गिरधारीलाल, जयनारायण, माधोसिंह, हेमंत कुमार, उमेश बिस्सा आदि मौजूद थे।

॥मुझे मनोनीत पार्षद लीलाधर दैया का फोन आया था कि दर्जी पाड़ा में कम दबाव व गंदे पानी की आपूर्ति हो रही है। मौके पर पहुंचा तो वहां जेईएन व वॉल्वमैन मौजूद थे। मैंने उनसे पूछा तो वॉल्वमैन ने बताया कि टंकी में कुछ गंदगी है इसलिए गंदा पानी आ रहा है। टंकी की जांच करने जा रहे थे तो वॉल्वमैन मोबाइल पर किसी को इस संबंध में बताने लगा तो मैंने उसका मोबाइल ले लिया। इसके अलावा कुछ भी नहीं हुआ।ञ्जञ्ज

रमेशचंद्र जैन्थ, एसडीएम, जैसलमेर

पाबंद करने को कहा

ज्ञापन में कर्मचारियों ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटना न हो इसके लिए संबंधित अधिकारी को पाबंद करने के साथ ही कार्रवाई की जाए।ऐसा नहीं होने पर शहर की जलापूर्ति बंद की जाएगी।

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