सोमवार, 9 अप्रैल 2012

बाप के सिर पर सवार था खून: 3 माह की बेटी को दागा, दीवार पर पटका


 
बैंगलुरु. दिल्‍ली में पिछले दिनों मासूम ‘फलक’ के साथ जो कुछ हुआ, कुछ इसी तरह का मामला अब बैंगलुरु में सामने आया है। यहां एक शख्‍स पर अपनी तीन माह की बेटी को बेरहमी से पीटने का आरोप है। जिंदगी और मौत के बीच झूल रही मासूम नेहा आफरीन फिलहाल अस्‍पताल के आईसीयू में है। पुलिस ने आरोपी पिता को हिरासत में ले लिया है।

आरोप है कि 23 साल के ऑटो मैकेनिक उमर फारूक ने अपनी बेटी को इसलिए बेरहमी से पीटा, क्‍योंकि वह औलाद के तौर पर बेटी की जगह बेटा चाहता था। इसने गुरुवार की रात बेटी के सिर को दीवार पर पटक दिया। ऐसा नहीं है कि उमर ने अपनी बेटी के साथ पहली बार ऐसा किया। वह इससे पहले तीन बार अपनी बेटी को मारने की कोशिश कर चुका है। फारूक बेटी को अधमरा कर भागने की फिराक में था लेकिन वह रविवार को पुलिस के हत्‍थे चढ़ गया।

पुलिस ने कहा है कि नेहा की मां और फारूक की दूसरी बीवी रेशमा बानो (तस्‍वीर में) ने अपने पति के व्‍यवहार के बारे में अपने माता-पिता और ससुरालवालों को भी खबर दी थी। लेकिन परिवारवाले इस मामले में चुप रहे। रेशमा ने जब से इस बच्‍ची को जन्‍म दिया, फारुक तभी से रेशमा को प्रताडि़त करता था। इनकी शादी दिसंबर 2010 में हुई थी। उमर की पहली बीवी उसे छोड़कर चली गई है। फारूक अपनी बेटी के प्रति उस वक्‍त बेरहम हो गया जब उसके रिश्‍तेदार के घर बेटा पैदा हुआ।

फारूक बीते गुरुवार की रात शराब के नशे में घर लौटा और बीवी से झगड़ने लगा। बच्‍ची (तस्‍वीर में इनसेट) जब चिल्‍लाने लगी तो पिता ने उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया। आरोप है कि फारूक ने मासूम के शरीर पर कई जगह सिगरेट से भी दाग दिया। हालत खराब होने पर बच्‍ची को अस्‍पताल में भर्ती कराया गया।

कर्नाटक बाल सुरक्षा आयोग और महिला आयोग ने बच्‍ची के परिवारवालों को नोटिस दिया है। कर्नाटक महिला आयोग की अध्‍यक्ष मीना जैन ने आरोपी पिता पर हत्‍या की कोशिश का केस दर्ज करने की भी मांग की है।

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