शनिवार, 25 फ़रवरी 2012

मदेरणा की पत्नी और बेटी पर सीबीआई का गंभीर आरोप!

जोधपुर.अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (सीबीआई) कोर्ट ने पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा और लूणी विधायक मलखानसिंह विश्नोई को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि दोनों पर भंवरी के अपहरण की साजिश रचने एवं अपहरण के बाद उसकी हत्या और सबूत मिटाने के गंभीर आरोप हैं, इसलिए उन्हें अंतरिम जमानत नहीं दी जा सकती।
 
महिपाल ने अस्पताल में भर्ती पिता परसराम मदेरणा और बीमार मां से मिलने तथा विधानसभा के बजट सत्र में शामिल होने के लिए 60 दिन की अंतरिम जमानत मांगी थी। मलखानसिंह ने बजट सत्र के लिए 40 दिन की अंतरिम जमानत मांगी थी। सीबीआई ने इसका विरोध करते हुए कहा कि आरोपी गवाहों को प्रभावित कर रहे हैं।

सहीराम को सीआरपीसी की धारा 164 में दिए बयान से मुकरने पर मजबूर किया जा रहा है। ऐसे ही गवाह राजेश परिहार को लीला मदेरणा व दिव्या मदेरणा धमका रही हैं। मलखानसिंह तो सीबीआई इंस्पेक्टर विशाल शर्मा को भी धमकी दे चुके हैं। ऐसे में जेल से बाहर आने पर वे दूसरे गवाहों को धमकाने की कोशिश करेंगे।

महानगर मजिस्ट्रेट जेपी ज्याणी ने गुरुवार को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को सुबह कोर्ट ने कहा कि अर्जियों के गुणावगुण पर कोई टिप्पणी किए बिना यह देखा जाता है कि आरोपियों पर भंवरी के अपहरण की साजिश रचने तथा उसके बाद हत्या कर साक्ष्य मिटाने का आरोप है। मामले की गंभीरता को देखते हुए उनकी अर्जी को स्वीकार करना न्यायोचित प्रतीत नहीं होता। इसलिए उन्हें अंतरिम जमानत नहीं दी जा सकती।

आगे क्या:

निचली अदालत से अंतरिम जमानत के आवेदन खारिज होने पर आरोपी डीजे कोर्ट में अर्जी लगा सकते हैं। वहां भी पहले सुनवाई होगी, फिर फैसला आएगा। इसके बाद 27 फरवरी को हाईकोर्ट में जा सकते हैं। उसी दिन बजट सत्र शुरू हो जाएगा। चार्जशीट पेश करने का भी वक्त हो जाएगा। इसलिए अब अंतरिम जमानत मिलने के आसार बहुत कम रह गए हैं।

संपत्ति कुर्की के मामले में सीबीआई को नोटिस

भंवरी प्रकरण में फरार इंद्रा विश्नोई के हिस्सेदारी की जमीन मान कर पूर्व मंत्री रामसिंह विश्नोई की संपत्ति कुर्क करने के मामले में हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सीबीआई को नोटिस जारी किया। हाईकोर्ट ने पहले सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। सीबीआई को भी पार्टी बनाने का कहा था। इंद्रा की मां अमरी देवी के वकील सुनील जोशी ने सीबीआई को पार्टी बना दिया तो न्यायाधीश आरएस चौहान ने सीबीआई, कलेक्टर व तहसीलदार को भी नोटिस जारी कर दिए। अब इस मामले पर 6 मार्च को सुनवाई होगी।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें