शनिवार, 25 फ़रवरी 2012

नमक सूं निखर सके आपणो थार


नमक सूं निखर सके आपणो थार


खड़ताल में क्यूं हड़ताल, करें इणरी पड़ताल, हुनर से शुरू होगा रोजगार का सफर



बाड़मेर  मामा रो ब्याव और पुरसण वाली मां, पछै क्यूं भाणजों भूखों। मारवाड़ी के इस चर्चित मुहावरे का जिक्र करते हुए भारतीय पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. ललित के पंवार ने कहा कि मैं इसी जिले से ताल्लुक रखता हूं। बैठा भले ही दिल्ली में हूं लेकिन दिल यहीं है। मारवाड़ में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए फंड की कमी नहीं आने दूंगा। पंवार ने पर्यटन की महत्ता बताते हुए कहा,पर्यटन हमारी संस्कृति से जुड़ा है। इतिहास को पढ़ें तो पता चलेगा पहले लोग तीर्थाटन व देशाटन करते थे,जो बदलते समय के साथ पर्यटन में तब्दील हो गया और व्यवसाय का रूप ले लिया। वे शुक्रवार को कलेक्ट्रेट कॉन्फ्रेंस हॉल में जिला प्रशासन, पर्यटन व्यवसायी व व्यापारियों तथा मीडिया के साथ पर्यटन को लेकर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि थार के हाईड्रोकार्बन तथा खनन गतिविधियों को पर्यटन उद्योग से जोड़ कर देखा जाना चाहिए। जैसलमेर के सोनार किला विश्व मानचित्र पर निखरने को लेकर कहा कि वहां भूगर्भ में छिपे हाइड्रोकार्बन को तलाशने आए एक फ्रेंच भू गर्भ वैज्ञानिक ने जब यहां के नजारों को कैमरे में कैद कर प्रकाशित किया तो इसे मुकम्मल पहचान मिली। आज भी वहां आने वालों में फ्रेंच पर्यटक ज्यादा है। कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने जिले में पर्यटन गतिविधियों की जानकारी देने के साथ थार महोत्सव के बारे में जानकारी दी। इस मौके अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरुण पुरोहित व संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

धरोहर गोद दे दो : चर्चा के दौरान पंवार ने कहा कि 12वीं शताब्दी के गौरवशाली तथा राजस्थान के खजुराहो के रूप में प्रसिद्ध किराड़ू के मंदिरों को केयर्न एनर्जी सरीखी कंपनियों को गोद देकर इन्हें निखारा जा सकता है। इतना ही नहीं उन्होंने जिले की तेल गतिविधियों को भी पर्यटन से जोडऩे की बात कही। केयर्न के किसी एक तेल के कुएं तथा रिंग एवं अन्वेषण कार्य की साइट को विजिट ऑफ हाईड्रोकार्बन के रूप में विकसित कर पर्यटकों को रिझाया जा सकता है।

नमक से जोड़ो मेहमानों का नाता : पचपदरा के नमक उत्पादन स्थलों को द लैंड ऑफ वाइट पिरामिड के रूप में उभारा जा सकता है, जिससे पर्यटक इन नजारों के साथ आकर्षित हो सकें। जिले के अन्य पर्यटन स्थलों को भी विभिन्न दृष्टिकोण से पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए।



तय करो तिथी : बाड़मेर में आयोजित होने वाले थार महोत्सव की आगामी दस वर्षों की तिथियां निर्धारित करने तथा इसे अन्य प्रसिद्ध महोत्सव से लिंक नहीं कर स्वतंत्र रूप से थार के मौसम के अनुकूल समय यथा संभव दीपावली के आसपास लाभ पंचमी को आयोजित करवाने को कहा ताकि विदेशी पर्यटक इससे अधिक से अधिक रूप से जुड़ सकें। मार्च में होने वाले थार महोत्सव को लेकर कहा कि यह राइट टाइम नहीं है।

आमंत्रित करो आदर करो : चर्चा के दौरान पंवार ने कलेक्टर से मुखातिब होते हुए कहा कि पर्यटन उद्योग से जुड़े होटल, टूर एंड ट्रेवल्स ऑपरेटर व टूरिस्ट गाइड को सक्रिय रूप से भागीदारी के लिए आमन्त्रित करे और मनुहार करे। इन पर किया गया खर्चा नहीं बल्कि निवेश है।

खड़ताल में हड़ताल क्यों, पड़ताल करो : हुनर से रोजगार स्कीम को लेकर कहा कि जिला मुख्यालय पर स्थित आरटीडीसी की होटल खड़ताल को स्किल सेन्टर के रूप में विकसित कर यहां युवाओं को पर्यटन का प्रशिक्षण देने के लिए विस्तृत कार्य योजना बनानी चाहिए। बंद पड़ी खड़ताल पर चुटकी लेते हुए कहा कि खड़ताल में हड़ताल क्यों। इस पर व्याख्याता मुकेश पचौरी ने कहा कि इसकी पड़ताल भी जरुरी है।

काम की बात

1. चर्चा के दौरान थिएटर कलाकार सुंदर दान देथा ने कहा कि थार महोत्सव में हर बार जिले के गढ़ कोटड़ा व गढ़ सिवाणा की अनदेखी होती है।

2. अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने कहा कि कई बरस पहले थार धरोहर को लेकर कार्य योजना बनी थी उस पर फिर से काम होना चाहिए।

3. ललित के पंवार ने कहा कि 15 साल पहले नेशनल स्कूल ऑफ फोक म्यूजिक को लेकर काम शुरू किया गया था लेकिन अब वो फाइल धूल फांक रही है ऐसे में उस पर से धूल हटानी चाहिए।

4. कारण खोजो क्यों सुपरहिट नहीं हो पा रहा थार उत्सव

5. हुनर से रोजगार में थार के कम शिक्षित युवाओं को जोड़ कर न्हें पर्यटन उद्योग से जोडऩा चाहिए।

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