सोमवार, 30 जनवरी 2012

सोमवार को किस वक्त, किस तरफ मुंह रख करें शिव पूजा?

शिव भक्ति के संयम व मर्यादा मन को पवित्र कर वैचारिक और व्यावहारिक रूप से बुरे कर्मों से दूर रख दु:ख-दरिद्रता से बचाते है। असल में शिव शब्द का मूल भाव भी होता है - कल्याण, सुख व आनंद। यही कारण है कि धार्मिक मान्यता व आस्था है कि शिव की भक्ति के बिना इंसान शव के समान हो जाता है।  
सुख की कामना से भगवान शिव की साधना के लिए तरह-तरह के मंत्र, स्त्रोत और स्तुतियां शास्त्रों में बताई गई है। किंतु इन सभी उपासना के तरीकों का फल तभी बताया गया है, जब उनको शिव भक्ति के लिए बताई मर्यादाओं के साथ किया जाए।

इसी कड़ी में शास्त्रों यह भी बताया गया है कि सोमवार या किसी भी शिव भक्ति के विशेष दिन कामनासिद्धि के लिए शिव की आराधना किस वक्त किस दिशा में बैठकर करना बहुत ही शुभ और प्रभावशाली होती है। जानते हैं -

- सुबह के समय शिव उपासना पूर्व दिशा की ओर मुंह रख करना चाहिए।

- वहीं शाम के समय शिव साधना पश्चिम दिशा की ओर मुंह रख करें।

- इसी तरह भगवान शिव की पूजा या आराधना रात में उत्तर दिशा की ओर मुंह रख करना कामना सिद्धि के लिए शुभ मानी जाती है।

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