मंगलवार, 29 नवंबर 2011

थानाधिकारी की एसीआर अब जनता भरेगी!

थानाधिकारी की एसीआर अब जनता भरेगी!
जयपुर। किसी थानाधिकारी ने अपनी पोस्टिंग के बाद इलाके में कानून-व्यवस्था का कितना इकबाल बुलंद किया, अपराधियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की, आम-जनता को राहत देने के सिलसिले में थानाधिकारी ने क्या-क्या किया, जैसे सवालों का जवाब अब सीधे जनता से ही पूछा जाएगा। खास बात यह है कि जनता से मिले फीडबैक के आधार पर ही संबंधित थानाधिकारी की एसीआर भरी जाएगी। इस मामले में पुलिस मुख्यालय ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए जयपुर और जोधपुर के कमिश्नरेट सहित तमाम जिला पुलिस अधीक्षकों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

एडीजी (क्राइम) पीके व्यास ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए रेंज और जिला पुलिस अधिकारियों को इस बारे में विस्तार से समझाया भी। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने खुद इस कदम की पहल की है। उनका मानना है कि थानाधिकारी के काम-काज के मामले में आम जनता से बेहतर फीड बैक कोई नहीं दे सकता। पुलिस मुख्यालय की ओर से सोमवार को वीडियो कांफ्र ेसिंग आयोजित करने का मुख्य मकसद भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दिशा-निर्देशों को थाना स्तर पर पहंुचाने का था। सनद रहे कि गृह विभाग की भी जिम्मेदारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछले सप्ताह ही पुलिस मुख्यालय में बैठक कर अधिकारियों को अपनी मंशा से अवगत करा चुके हैं।

मुख्यमंत्री खुद लेंगे फीड बैक

सूत्रों के मुतबिक, किसी भी थानाधिकारी के खिलाफ शिकायत मिलने पर खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत संबंधित थाने के सीएलजी मेंबरों से संपर्क करेंगे और थानाधिकारी के मामले में मिले फीडबैक का उसकी एसीआर में भी उल्लेख किया जाएगा। इसी के चलते मुख्यमंत्री ने प्रदेश के तमाम सीएलजी मेंबरों के नाम-पते और फोन नंबर पुलिस की वेब साइट पर डालने के निर्देश भी दिए हैं। बताया जाता है कि जयपुर की पश्चिम जिला पुलिस ने तो अपने सीएलजी मेंबरों के नाम-पते पुलिस मुख्यालय की वेबसाइट पर डाल भी दिए हैं। मुख्यमंत्री भी अगले सप्ताह वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये रेंज आईजी और पुलिस अधीक्षकों से सवाल-जवाब करेंगे। पुलिस मुख्यालय ने थानाधिकारियों को चिट फंड कंपनियों और नीम-हकीमों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार थानाधिकारियों की एसीआर अब आम जनता के फीडबैक के आधार पर ही भरी जाएगी। पीके व्यास (एडीजी, क्राइम)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें