गुरुवार, 7 जुलाई 2011

निर्मल मन जन सो मोहि पावा शिव कुटिया में भागवत कथा


निर्मल मन जन सो मोहि पावा
शिव कुटिया में भागवत कथा

बाड़मेर परमात्मा को भक्ति व प्रेम से ही पाया जा सकता है। भक्ति भी निर्मल हो, निश्छल हो। भक्त अगर श्रद्धा से उन्हें याद करता है तो वे भक्त की पीड़ा को जरूर दूर करते हैं। शिव कुटिया में गीता गोपी मंडल के तत्वावधान में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दौरान बुधवार को बृज कृष्णदास महाराज ने श्रद्धालुओं को निश्छल भक्ति के लिए प्रेरित किया ।

उन्होंने कहा भगवान का नाम जो भी प्रेम से भजता है, उसकी रक्षा करने के लिए भगवान अवतार लेकर आते हैं। भक्त प्रहलाद के चरित्र का वाचन करते हुए महाराज ने कहा प्रहलाद की प्रभु भक्ति ने यह साबित कर दिया कि प्रभु हमेशा भक्त की पीड़ा को दूर करने के लिए तत्पर रहते हैं।

उन्होंने कहा गज ने तन्मय भाव से भगवान को पुकारा तो बिना किसी विलंब के भगवान ने उसकी रक्षा की। भगवन नाम के बल पर ही अजामिल ने पाप कर्म के बाद भी परमधाम को पाया। साधक संसार से मन को हटाकर परमात्मा को चरणों में समर्पित करें। भागवत कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने ठाकुरजी के दरबार में हाजिरी लगाई।

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