शनिवार, 30 जुलाई 2011

जुर्म तो है लेकिन मजबूरी भी, सरकार ने नहीं दिए रोजगार के विकल्प


छह बच्चे, पति के गुर्दे खराब ऐसे में
शराब को बनाया गुजारे का सहारा
जुर्म तो है लेकिन मजबूरी भी, सरकार ने नहीं दिए रोजगार के विकल्प

बाड़मेर
पति रासिंगाराम हथकढी शराब बना कर बेचने का काम करता था, बीते आठ सालों से पति गुर्दे की बीमारी के कारण चल फिर नहीं सकता लिहाजा पति के साथ अपने छह बच्चों के गुजारे के लिए मैंने इसी धंधे को गुजारे के लिए अपना लिया। 

यह कहानी है सांसियों का तला में रहने वाली राधा देवी की, जिसे शुक्रवार दोपहर कोतवाली पुलिस ने चौहटन चौराहे के पास चालीस बोतल हथकढ़ी शराब का परिवहन करते दबोच लिया। कोतवाल मनोज शर्मा ने बताया कि राधा देवी सवेरे एक थ्री-व्हीलर में सवार होकर देशी हथकढी शराब को बेचने के लिए हरिजनों के मोहल्ले में जा रही थी। इसके पास से चालीस बोतल शराब बरामद की है। पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया।
 

मैं नहीं और भी हंै
 

थाने में राधा ने बताया कि वो अकेली ऐसी महिला नहीं है जो शराब बनाने और बेचने का काम करती है। ऐसी करीब दर्जन महिलाएं है जो हर सवेरे शहर में शराब बेचने आती है।
 


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