मंगलवार, 12 जुलाई 2011

घोटाले के आरोपियों की रिमांड अवधि बढ़ाई


घोटाले के आरोपियों की रिमांड अवधि बढ़ाई

जालोर दी जालोर को-ऑपरेटिव बैंक लि. धुंबडिया में करीब डेढ़ वर्ष पूर्व हुए ऋण घोटाले के मामले में 2 जुलाई से रिमांड पर चल रहे वरिष्ठ प्रबंधक और ऋण पर्यवेक्षक को जालोर न्यायालय में पेश किया गया, लेकिन आरोपियों की रिमांड अवधि एक दिन और बढ़ा दी गई। एएसपी यूएल छानवाल ने बताया कि बागोड़ा थाने में ऋण वितरण घोटाले को लेकर चार अलग अलग मामले दर्ज हैं। जांच में दोषी पाए जाने पर जालोर स्थित प्रधान कार्यालय में कार्यरत वरिष्ठ प्रबंधक जगदीश जीनगर और ऋण पर्यवेक्षक रमेश गोयल को दो जुलाई को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद दोनों आरोपी रिमांड पर चल रहे थे। दोनों आरोपियों को बुधवार को न्यायालय में पेश किया गया, जहां पर एक दिन की रिमांड अवधि बढ़ा दी गई।

इधर, भीनमाल में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ओमकुमार व्यास ने दी जालोर सैन्ट्रल कॉ-आपरेटिव बैक शाखा धुबंडिया में फर्जी ऋण वितरण मामले में तत्कालीन शाखा प्रबंधक की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज की। प्राप्त जानकारी अनुसार तत्कालीन धुबंडिया वर्तमान चितलवाना शाखा प्रबंधक बीकानेर जिलांतर्गत गडिय़ाला निवासी नवीन सक्सेना पुत्र ओमप्रकाश सक्सेना ने पुलिस गिरफ्तारी से बचने के लिए एडीजे कोर्ट भीनमाल में अग्रिम जमानत अर्जी पेश की थी। जिसे सुनवाई के दौरान बुधवार को खारिज किया गया। सरकार की ओर से पैरवी एडीपी हुक्मसिंह गहलोत ने की। ज्ञात रहे कि दो वर्ष पूर्व शाखा धुबंडिया में तत्कालीन शाखा प्रबंधक भागीरथराम पुत्र जसवंत राम विश्नोई व नवीन सक्सेना ने अपने कार्यकाल में कैशियर अरणू निवासी बाबूलाल पुत्र धूपाराम भील, ऋण पर्यवेक्षक रमेशकुमार गोयल, दलाल कृष्णकुमार व राणाराम से मिलीभगत कर करीब दो दर्जन फर्जी लोगों के कूटरचित दस्तावेज तैयार कर ऋण के लिए आवेदन के बाद उन्हें भुगतान कर लाखों रुपयों का घोटाला करने का मामला सामने आया था।

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