शुक्रवार, 8 जुलाई 2011

राजस्थान में राजपाशा का पहला मामला

जोधपुर। जोधपुर में शुक्रवार को राजपाशा के तहत पहला मामला दर्ज किया गया और इसमें हिस्ट्रीशीटर शमशेर को गिरफ्तार किया गया है। गुंडागर्दी, सट्टा और अवैध वसूली करने वाले शमशेर को पुलिस ने शुक्रवार को न्यायालय में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया। साथ ही पुलिस ने उसके खिलाफ राजपाशा के तहत इस्तगासा भी दायर किया गया है। उल्लेखनीय है कि कमिश्नर प्रणाली के तहत गुंडा तत्वों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के लिए पुलिस को मिले अधिकारों के उपयोग का यह पहला मामला है।
उदय मंदिर आसन क्षेत्र में रहने वाला शमशेर पुत्र यासीन महामंदिर पुलिस थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ करीब दो दर्जन मामले दर्ज हो रखे हैं और इनमें से 13 मामलों में उसके खिलाफ न्यायालय में चालान भी पेश हो चुके हैं। कुछ दिन पूर्व उसे एक युवक को अगवा करने और उससे नकदी लूटने के मामले में गिरफ्तार किया था। बाद में उसे रिमांड पर लेकर पुलिस ने उस युवक का पर्स और नकदी बरामद की थी।
एक साल तक जेल में

शुक्रवार को एसीपी (पूरब) मनोज चौधरी ने कमिश्नर प्रणाली में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए शमशेर के खिलाफ राजस्थान समाज विरोधी क्रियान्वयन निवारण अधिनियम 2006 (राजपाशा) के तहत इस्तगासा पेश किया। इस अधिनियम के तहत अपराधी को 1 साल जेल में बिताना पड़ता है। इसकी सुनवाई भी नहीं होती।

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