मंगलवार, 26 जुलाई 2011

रिजर्व बैंक ने रीपो और रिवर्स रीपो रेट में बढ़ोतरी की





subba-rao.jpgनई दिल्ली।। 

रिजर्व बैंक इस कदम से बैंकों के लिए कारोबार की लागत बढ़ने के कारण होम, कार और कॉरपोरेट लोन का और महंगा होना तय है। रिजर्व बैंक द्वारा यह पिछले 3 महीने में तीसरी बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की गई है। मार्च,2010 से केंद्रीय बैंक नीतिगत दरों में 11 बार बढ़ोतरी कर चुका है।

रिजर्व बैंक ने रीपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट्स की बढ़ोतरी कर दी है। इस बढ़ोतरी के बाद रीपो रेट 8 फीसदी हो गया है और रिवर्स रीपो रेट 7 फीसदी पर पहुंच गया है। रेटों में यह बढ़ोतरी अनुमान से बढ़कर है। जानकारों का अनुमान था कि रीपो और रिवर्स रीपो रेट में बढ़ोतरी तो होगी, पर वह 25 बेसिस पॉइंट्स से अधिक नहीं होगी। लेकिन रिजर्व बैंक ने जानकारों के अनुमान को धता बताते हुए दोनों में 50 बेसिस पॉइंट्स की बढ़ोतरी की है। पिछले 16 महीनों में रिजर्व बैंक ने 11वीं बार ब्याज दरें बढ़ाई हैं।

आरबीआई ने क्रेडिट पॉलिसी के तहत जीडीपी का अनुमान 8 फीसदी पर बरकरार रखा है। हालांकि महंगाई दर को 6 फीसदी से बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया है। इसके अलावा बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ का अनुमान 1 फीसदी घटाकर 18 फीसदी कर दिया है।

आरबीआई के मुताबिक इकॉनमी की ग्रोथ पर असर देखने को मिल सकता है लेकिन मंदी के आसार नहीं हैं। सरकार की नीतियों से महंगाई पर काबू पाने में कोई मदद नहीं मिल रही है। लिहाजा आने वाले समय में पॉलिसी के तहत महंगाई पर ज्यादा जोर दिया जाएगा। इसके अलावा महंगाई दर में कमी आती है तो सरकार की नीतियों में भी बदलाव देखने को मिल सकता है।

उद्योग जगत ने ब्याज दरों में आधा प्रतिशत की वृद्धि पर निराशा जताते हुए कहा है कि इस कदम से निवेश प्रभावित होगा। ब्याज दरों में बढ़ोतरी की घोषणा के बाद बॉम्बे शेयर बाजार के सेंसेक्स में 300 अंक की जोरदार गिरावट आई और यह 18,570 अंक के स्तर पर आ गया।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें