रविवार, 24 जुलाई 2011

नरेंद्र मोदी की तारीफ की सजा! पद से बर्खास्त हुए देवबंद के मौलाना गुलाम वस्तानवी




देवबंद। दारुल उलूम की सर्वोच्च समिति मजलिस-ए-शूरा ने मोहतमिम मौलाना गुलाम मोहम्मद वस्तानवी के भविष्य का फैसला कर दिया। उनको पद से हटा दिया गया है। 14 सदस्यी कमेटी की बैठक में उनके हटाने का फैसला किया गया। उनके खिलाफ 14 के मुकाबले 9 वोट पड़े। वास्तानवी ने इसे अपने खिलाफ साजिश बताया है।
गौरतलब है कि शनिवार को पहले सत्र में मदरसे के शैक्षिक कार्यों पर रिपोर्ट पेश की गई थी। दूसरे सत्र की बैठक शनिवार देर रात 12.30 बजे तक चली, लेकिन वस्तानवी पर किसी तरह का इल्जामात साबित नहीं हो पाया। बैठक में तीन रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें दो वस्तानवी के पक्ष में तथा एक विपक्ष में थी। रविवार सुबह आठ बजे दोबारा बैठक होगी, जिसमें वस्तानवी के भविष्य का फैसला किया जाएगा।
शनिवार सुबह इस्लामिक यूनिवर्सिटी के मेहमानखाने में शूरा के १३ सदस्यों के साथ बैठक शुरू हुई। बैठक के एजेंडे में मदरसे के शैक्षिक कार्यों की समीक्षा की गई।
मेहमानखाने में मदरसे की इंतजामिया ने किसी के भी प्रवेश पर पाबंदी लगा रखी थी। शूरा के सदस्यों को ही अंदर जाने की इजाजत है। सुरक्षा के लिहाज से भारी संख्या में पुलिस कर्मियों को गेस्ट हाउस के बाहर तैनात किया गया था। स्थानीय और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के लोग भी अपने-अपने अधिकारियों को बैठक की प्रत्येक हलचल के बारे में लगातार खबर देते रहे। इस बीच कई तरह की अफवाहें भी माहौल को गर्म करती रहीं।
पहले सत्र के शुरू में वास्तानवी के मदरसे में बने रहने के दावे समर्थक कर रहे थे। भोजनावकाश के बाद समर्थकों की राय बदल गई। उनका मानना था कि शूरा के सदस्य वस्तानवी को जबरदस्ती हटाने के पक्ष हैं, जांच कमेटी की रिपोर्ट को कोई तरजीह नहीं दी जा रही है। 

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