गुरुवार, 28 जुलाई 2011

लोकपाल से पीएम बाहर, मंत्री अन्दर

लोकपाल से पीएम बाहर, मंत्री अन्दर 
 

नई दिल्ली। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने गुरूवार को प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे से बाहर रखते हुए लोकपाल विधेयक के प्रारूप को मंजूरी दे दी जिसे एक अगस्त से शुरू होने वाले संसद के आगामी मानसून सत्र में पेश किया जाएगा।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में यहां हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लोकपाल के प्रारूप को मंजूरी दी गई। केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अम्बिका सोनी और लोकपाल का प्रारूप बनाने के लिए गठित कमेटी के सदस्य केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री सलमान खुर्शीद ने बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी संवाददाताओं को दी।

उन्होंने बताया कि लोकपाल विधेयक के प्रारूप को 30 जुलाई तक तैयार कर लेने के वादे को निभाते हुए सरकार ने इसे मंजूरी दी है, जो संसद के आगामी मानसून सत्र में पेश किया जाएगा। उन्होंने बताया कि न्यायपालिका के किसी अतिवरिष्ठ व्यक्ति की अध्यक्षता में लोकपाल कमेटी का गठन किया जायेगा जिसमें अध्यक्ष के अलावा आठ सदस्य होंगे। इनमें से चार सदस्य न्यायपालिका से होंगे।

उन्होंने बताया कि लोकपाल के दायरे में प्रधानमंत्री कार्यालय और सभी मंत्रियों को रखा गया है पर प्रधानमंत्री उसकी परिधि से बाहर रहेंगे। हालांकि सभी पूर्व प्रधानमंत्री अवश्य उसके दायरे में आएंगे। सोनी ने बताया कि लोकपाल के पास आने वाली सभी शिकायतों का निस्तारण सात वर्ष में करना जरूरी होगा अन्यथा सात वर्ष बाद आरोपी स्वत: बरी हो जाएगा। 

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