शुक्रवार, 1 जुलाई 2011

चार आरोपियो को तीन वर्ष के कारावास की सजा

चार आरोपियो को तीन वर्ष के कारावास की सजा
 

बालोतरा। जिला एवं सेशन न्यायाधीश सुखपाल बुंदेल ने हमला कर मारपीट करने व अजा जजा एक्ट के एक मामले में चार आरोपियो को तीन-तीन वर्ष के साधारण कारावास की सजा व जुर्माने से दंडित करने के आदेश दिए हैं। प्रकरण के अनुसार 13 जुलाई 08 को परिवादी तेजाराम ने पुलिस थाना सिवाना में लिखित रिपोर्ट पेश कर बताया था कि शाम करीब साढ़े चार बजे वह और उसका भाई रसाराम घर में बैठे थे।

इसी दौरान अमरसिंह पुत्र कल्याणसिंह, जसवंतसिंह पुत्र रामसिंह, भैरूसिंह पुत्र पर्वतसिंह, शैतानसिंह पुत्र दौलतसिंह, पप्पुसिंह पुत्र गुमानसिंह व पर्वतसिंह पुत्र मंगलसिंह निवासी गूंगरोट एकराय होकर हाथों मे धारिये व लाठियां लेकर हमले की नीयत से उनके घर आए। गाली गलोच कर जातिगत शब्दों से अपमानित किया।

अमरसिंह व शैतानसिंह ने लाठी से मारपीट की। रसाराम ने बीच बचाव किया तो सभी ने मिलकर उसे कॉलर से पकड़ा और बाहर ले गए। धारिए व लाठियों से उस पर वार कर दिए। खेत से आ रहे लच्छूराम व हस्ताराम ने रसाराम को छुड़वाया। मारपीट मे रसाराम की पसलियों व पीठ में चोटें आई तथा बाएं हाथ की कोहनी के नीचे धारिए की चोट लगी। रिपोर्ट के आधार पर सिवाना पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट पेश की।

केस डायरी का अवलोकन करने तथा दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद न्यायाधीश बुंदेल ने आरोपी अमरसिंह, भैरूसिंह, जसवंतसिंह व पप्पूसिंह को भादंसं की धारा 452 के आरोप में दो-दो वर्ष के साधारण कारावास की सजा व एक-एक हजार रूपए के जुर्माने से दंडित करने के आदेश दिए। प्रत्येक आरोपी को भादंसं की धारा 323/34 के आरोप मे छह-छह माह के साधारण कारावास व सौ सौ रूपए के जुर्माने से दंडित किया।

भादंसं की धारा 325/34 के आरोप में प्रत्येक अभियुक्त को तीन-तीन वर्ष के साधारण कारावास की सजा व दो-दो हजार रूपए के जुर्माने से दंडित करने के आदेश दिए। आरोपी पप्पूसिंह को भादंसं की धारा 324 के आरोप में एक वर्ष के साधारण कारावास व पांच सौ रूपए जुर्माने से दंडित किया। आरोपियों को अजा-जजा अत्याचार निवारण अधिनियम के आरोप में दो-दो वर्ष के साधारण कारावास की सजा व एक-एक हजार रूपए के जुर्माने से तथा धारा 3(1)(10) अजा-जजा अत्याचार निवारण अधिनियम के आरोप मे प्रत्येक आरोपी को दो-दो वर्ष के साधारण कारावास की सजा व एक-एक हजार रूपए के जुर्माने से दंडित करने के आदेश दिए हैं।

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